समाजवाद का मुखौटा
क़िस्त- नम्बर : (01) मुस्तकीम मंसूरी देश की राजनिती में उत्तर प्रदेश की हमेशा ही अहम भूमिका रही है या यूं कहें कि केंद्रीय सत्ता तक पहुंचने का रास्ता ही उत्तर प्रदेश से होकर गुज़रता है जिस राजनीतिक पार्टी ने अपना वजूद उत्तर प्रदेश में क़ायम कर लिया, उसके लिए केंद्र का रास्ता आसान हो जाता है उन्हीं राजनीतिक व्यक्तियों में समाजवाद का मुखौटा लगाए एक सियासी नाम है मुलायम सिंह यादव का जो सियासी ही नहीं समाजवादी भी कहलाए जाते हैं जिनका वजूद देश की बड़ी और सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के विरोध की वजह से अमल में आया था।जिसको उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में सियासी उखाड़- पछाड़ एवं तोड़ -फोड़ का महारथी भी माना जाता था जिन्होंने देश की ऐसी कोई धर्मनिरपेक्ष पार्टी बहुजन समाज पार्टी, सोशलिस्ट पार्टी, जनता दल, समाजवादी जनता पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल, यूनाइटेड जनता दल, कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं लेफ्ट का कोई ऐसा नेता बचा नहीं जिसको कि कथित समाजवाद का चोला पहने मुलायम सिंह ने ठगा नहीं या धोखा न दिया हो, लोकबंधु राजनारायण से लेकर वी पी सिंह, चंद्र शेखर, राजीव गांधी, देवी गौ