संदेश

स्वास्थय लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन अत्यंत महत्वपूर्ण पर रोग उन्मूलन के लिए काफ़ी नहीं

तीस साल के निरंतर शोध के बाद आख़िरकार ,   दुनिया की पहली मलेरिया वैक्सीन , “ आटीएस , एस ”,   को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों में उपयोग के लिए संस्तुति दे दी। इस मलेरिया वैक्सीन टीके से बच्चे सबसे घातक क़िस्म की मलेरिया से बचेंगे जो मलेरिया कीटाणु , " प्लैज़्मोडीयम फ़ेलकीपेरम" ,   के कारण रोग ग्रस्त होते हैं। यह मलेरिया टीका अत्यंत लाभकारी तो है परंतु मलेरिया नियंत्रण और उन्मूलन के लिए कदापि पर्याप्त नहीं है।   कीटनाशक से युक्त मच्छरदानी ,  साफ़ - सफ़ाई और मच्छर निवारक छिड़काव ,  सभी के लिए मलेरिया रोग की बिना विलम्ब जाँच और सही इलाज आदि ,  ऐसे ज़रूरी प्रभावकारी कदम हैं जो इस मलेरिया टीके के साथ सभी जगह लागू होने चाहिए।   पर असलियत बहुत गम्भीर है क्योंकि मलेरिया अनेक लोगों को रोग ग्रस्त कर रहा है और कमजोर स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के चलते अनेक लोगों के लिए प्राणघातक रोग बना हुआ है। मलेरिया रोकथाम के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ जरूरतमंद लोगों तक समय से नहीं पहुँच रही हैं इसीलिए वैश्विक स्तर पर ,  मलेरिया से एक साल में  22.90  करोड़ लोग रोग ग्रस्त हुए और  4.09  लाख मृत। मल

सर्दी में ह्रदय रोगी बरतें विशेष सावधानी : डॉ विभाष राजपूत

चित्र
  बागपत। विवेक जैन  मौसम बदलने के साथ-साथ अस्पतालों में वायरल, सर्दी, जुखाम, बुखार व खांसी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही तापमान में आई गिरावट से त्वचा व सांस के रोगियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।  इसको लेकर बागपत स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विभाष राजपूत ने मरीजों से विशेष सावधानी बरतने की बात कही है। खासकर उन्होंने हदय एवं दमा रोगियों को एहतियात बरतने के लिए कहा  है। उन्होंने कहा कि सर्दी के समय खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर के बढ़ने से हृदय के रोगियों को काफी दिक्कत होती है। इसलिए सर्दी के मौसम में हृदय रोगियों को काफी सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्हें सुबह व शाम के समय अपने घर पर ही रहना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गो व दमा रोगियों को भी अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि कान व तलवों के जरिए सर्दी शरीर में पहुंचती है, इसलिए कान व तलवे हमेशा ढक कर रखें। सभी लोग फुल बाजू के कपड़े पहने। अपने शरीर को गर्म रखें तथा ठंडी चीजों से परहेज कर गर्म पेय पदार्थों का ज्या

अल फलाह ब्लड डोनेट ग्रुप ने अपना कार्यक्षेत्र बढ़ाया

चित्र
अल फलाह फ्रंट के ब्लड डोनेट ग्रुप ने अपना कार्य क्षेत्र बढ़ा कर अब बुंदेलखंड तक करने की घोषणा की है । ग्रुप के राष्ट्रीय संयोजक ज़ाकिर हुसैन ने मुबारक खान को बुंदेलखंड का कार्यभार सौंपा है।बुंदेलखंड झांसी से अब्दुल मजीद नन्दी ने ब्लड डोनेट ग्रुप (अल फलाह फ्रंट) को समर्थन देने की अपील की है , मुबारक खान साहब ने अपने परिवार सहित और लोगो को भी गरीब ज़रूरतमंद लोगो की मदद करने के लिए ग्रुप से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है । ज़ाकिर हुसैन साहब के कहने पर ब्लड डोनेट ग्रुप (अल फलाह फ्रंट) ने बुंदेलखंड में काम की शुरुवात हो चुकी है इस मौके पर उन्होंने कहा कि अब बुंदेलखंड के लोगो को भी मुफ्त में रक्त मिल सकेगा । ज्ञात हो कि ब्लड डोनेट ग्रुप (अल फलाह फ्रंट) ने अब तक 115 लोगो को मुफ्त में रक्त दान करवा चुका है ।इस मौके ओर मुबारक खान ने ग्रुप को बुंदेलखंड में मज़बूत करने का आश्वासन दिया है ।

आयुर्वेद को बचाना है तो दवा माफियाओं से बचाना होगा

चित्र

सरधना (मेरठ) का एक ऐसा मौहल्ला जहां 24 से अधिक लोग अब तक कैंसर से मर चुके हैं, क्या स्वास्थ्य विभाग वजह तलाशने की कोशिश करेगा ?

चित्र
जिंदगी कितनी अनमोल है इसका एहसास तब होता है जब आपका कोई साथी जिंदगी छोड़ कर चला जाता है। जब से कोरोना महामारी आई है तब से मौत की दहशत ने  ऐसी दस्तक दी है कि हर शख्स खौफज़दा है।  एक अदृश्य दुश्मन कब हम पर हमला करता है और कब हम उसकी चपेट में आ जाते हैं पता ही नहीं चलता ।दुनिया में अभी तक बहुत सी बीमारियों का इलाज नहीं है जैसे कुत्ता काटने पर रेबीज़ होने के बाद कोई इलाज नहीं है। एड्स का कोई इलाज नहीं है ।कोरोना का कोई इलाज नहीं है। वैज्ञानिकों ने इन सब बीमारियों से बचाव के लिए कुछ चीजें बतायी है जिनसे इन बीमारियों से बचा जा सकता है हमें इन सब मामलों में एहतियात बरतना जरूरी है। इंसान के अमूल्य जीवन को बचाने के लिए सावधानी और सुरक्षा की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही और असुरक्षा हमारे अमूल्य जीवन को छीन लेती है। कैंसर भी एक ऐसी ही घातक बीमारी है जो आहिस्ता - आहिस्ता जीवन को छीन लेती है । उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के सरधना कस्बे का एक मोहल्ला है बैरून सराय । इस मोहल्ले में और इसके आसपास लगे हुए मोहल्लों में पिछले कुछ वर्षों में 24 लोगों से ज़यादा की मौत कैंसर से हो चुकी है। कैंसर जैसी घातक बीमा

जर्जर हालत में पहुंच चुका है जच्चा बच्चा केंद्र

चित्र
मुजफ्फरनगर। केन्द्र व प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बडे-बडे वादे व दावे करती रहती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मोटा बजट आता है, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण जनता को उसका लाभ मामूली रूप से ही मिलता है और सरकारी योजना मिट्टी में मिल जाती है। ऐसा ही एक मामला जच्चा-बच्चा केन्द्र का सामने आया, जिसमें करोडों की लागत से बना जच्चा बच्चा केन्द्र मात्र 5 साल में ही बेहद जर्जर हालत में है और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है।  जानकारी के अनुसार शामली जनपद के उफन ब्लॉक क्षेत्र में गांव पुरमाफी में दो दशक पूर्व जच्चा बच्चा केन्द्र का निर्माण हुआ था, जो कुछ दिन तो सही चला और फिर वह जर्जर हालत में पहुंच गया था। ग्रामीणों की शिकायत पर लगभग चार साल पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसकी मरम्मत कराई गई थी, लेकिन सही देखभाल न होने के कारण वह फिर से बेहद जर्जर हालत में पहुंच गया और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया। इस सम्बंध में रालोद नेता सचिन सरोहा ने 22 दिसम्बर 2018 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री व जनपद प्रभारी मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को एक ट्वीट क

केरल में कोरोनावायरस का पॉजिटिव मरीज सामने आ गया

तिरवंतपुरम। केरल में कोरोना वायरस का पॉजिटिव मरीज सामने आ गया है। यह छात्र चीन में वुहान विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहा था। छात्र की हालत स्थिर है। फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। आपको बताते जाए कि चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है। इस बीच कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित चीन से अपने देश वापस लौटने वाले लोगों को कड़ी निगरानी में रखा जा रहा है। डब्ल्यूएचओ (WHO)अधिकारियों ने चीन के बाहर लोगों के बीच कोरोना वायरस फैलने पर गहरी चिंता जाहिर की है। आपको बताते जाए कि गुरुवार की बात करें तो पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 38 रही और 1,737 नए मामले सामने आए। अब तक कुल 7,711 मामले सामने चुके हैं। गौर करने वाली बात है कि 37 मौतें चीन के सबसे ज्यादा प्रभावित यूबेई प्रांत में जबकि 1 व्यक्ति की मौत सिचुआन के दक्षिणपश्चिम में हुई। यूबेई प्रांत में कोरोना की शुरुआत 1 करोड़ 10 लाख की आबादी वाले शहर वुहान से हुई और अब खबर है कि यहां से 195 अमेरिकी नागरियों को निकाला गया है। इस सभी में वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं और साउदर्न कैलिफोनर्निया

केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने क्या रोना वायरस रोकने के उपाय बताएं

चित्र
नई दिल्ली।  केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय जारी किए हैं। मंत्रालय के अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणालियां आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी पर आधारित सुझाव जारी किए हैं। आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार रोकथाम प्रबंधन के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं। इन उपायों में व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक धोने की सलाह दी गई है। इसके अलावा आयुर्वेदिक उपाय में कहा गया है कि शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन और नागर) प्रसंस्कृत पानी (एक लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए) पी लें। इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पिएं। इसके अलावा कहा गया है कि बिना धोए हाथों से अपनी आंखें, नाक और मुंह छूने से बचें। इसके अलावा बताया गया है कि जो लोग बीमार हैं, उनसे निकट संपर्क से बचें। बीमार होने पर घर पर रहें। खांसी या छींक के दौरान अपना मुंह ढंक लें और खांसने या छीकने के तुरंत बाद अपने हाथों को धो लें। संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय

अंबेडकर अस्पताल में गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण नहीं किया गया

रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का आरोप है कि अम्बेडकर अस्पताल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण नहीं किया गया. संघ का आरोप है कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम पर स्थापित चिकित्सालय में ध्वजारोहण नहीं करना राष्ट्रद्रोह है. स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को ख़त लिखकर अस्पताल अधीक्षक डॉ विनीत जैन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. अंबेडकर अस्पताल

न्यूरोपैथी से इलाज

जयपुर। ईश्वर द्वारा निर्माण किए इस मानव शरीर की पीड़ा और उसमें उत्पन्न होने वाले रोगों का इलाज ही संपूर्ण रूप से स्वस्थ करने की पद्धति को न्यूरोपैथी कहते हैंl अखिल भारतीय न्यूरो थेरेपिस्ट के अधिवेशन के दूसरे दिन देशभर से आए न्यूरो थेरेपिस्टों का यह मत था कि न्यूरोपैथी के माध्यम से कमर दर्द, गर्दन दर्द, मनको की बीमारी, साइटिका दर्द, घुटनों का दर्द, जोड़ों का दर्द, सिर दर्द, पेट दर्द, त्वचा रोग, चक्कर एवं फिट्स आना, मंगोल बच्चे और मंदबुद्धि बच्चों का इलाज न्यूरोपैथी के माध्यम से सरलता से किया जा सकता है।हमारा शरीर एक प्रणाली की तरह काम करता है इसमें विविध ग्रंथियों और रसानको का संतुलन बिगड़ने से शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है और विविध प्रकार के रोग निर्माण होने लगते हैं इन रोगों का इलाज न्यूरोपैथी के माध्यम से बहुत ही अच्छे ढंग से होता है।इस अवसर पर "फ्रीडम फोर इलनेस बाई न्यूरो थेरेपी" पुस्तक का विमोचन किया गया। जिसकी लेखक गौरी भानु शाली है। इस पुस्तक का विमोचन कृष्ण मुरारी, श्रीनिवास मूर्ति, मनदीप सिंह , अजय गांधी, रामगोपाल परिहार, वीरेंद्र प्रसाद ने किया।अधिवेशन के अन्य सत्र में

मंत्री शांति धारीवाल ने जे के अस्पताल पहुंचकर विभिन्न वार्डो का किया निरीक्षण

जयपुर।  स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने शनिवार को जेके अस्पताल पहुंचकर विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया तथा भर्ती मरीजों की कुशलक्षेम पूंछकर अस्पताल प्रशासन द्वारा इलाज में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। स्वायत्त शासन मंत्री सर्वप्रथम नीकू वार्ड पहुंचें जहां प्रत्येक बैड पर जाकर भर्ती शिशुओं के परिजनों से वार्ता कर कुशलक्षेम जानी तथा शिशु रोग विशेषज्ञों से बच्चों के इलाज के बारे में प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल प्रशासन द्वारा वार्डों में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए डाली गई पाइप लाइन के कार्य का भी निरीक्षण किया। पीकू वार्ड के निरीक्षण के समय उन्होंने प्रत्येक शिशु के उपचार के बारे में जानकारी लेकर सम्बन्धित क्षेत्र से आने एवं शिशु के बिमारी के कारण भी जाने। नीकू-पीकू वार्डों में अधिकतर शिशु कम वजन एवं अनय जिलों व अस्पतालों से रेफर होकर आने वाले पाए गए। चिकित्सकों ने शिशुओं की रिपोर्ट के आधार पर बताया कि क्रिटिकल अवस्था में ही रेफर होकर शिशु यहां आते है। जिन्हे समुचित इलाज एवं सुविधाओं का खयाल रखा जाता हैं।स्वायत्त शासन मंत्री के निरीक्षण के समय नीकू वार्ड में 18 बैड पर 22

कोटा जिले में 1 महीने में अस्पताल में 91 बच्चों की मौत

राजस्थान के कोटा जिले में बीते एक महीने के अंदर 91 बच्चों की मौत हो गई। बीते 5 दिनों में सिर्फ नवजात बच्चों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं के बावजूद दिसंबर महीने में 91 बच्चों की मौत हो चुकी है। पिछले पांच दिनों के भीतर चिकित्सा सुविधा पर दर्जनों शिशुओं की मौत हो चुकी है। कोटा के सरकारी अस्पताल में बुनियादी ढांचे की स्थिति बदतर स्थिति में है, क्योंकि अस्पताल में युवा रोगियों की संख्या को संभालने के लिए चिकित्सा सुविधाएं बीमार हैं। अस्पताल में कर्मचारियों की भारी कमी, चिकित्सा उपकरणों की कमी और डॉक्टरों द्वारा समय पर ढंग से जवाब नहीं देना सरकारी अस्पताल में स्थिति के पीछे की वजह है। अस्पताल प्रबंधन अभी भी सुस्त स्थिति में है। संक्रमण के फैलने के पीछे स्वच्छता और लीक की छत को संभावित कारण बताया गया। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार की जांच कमेटी ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की टीम को क्लीन चिट दे दी है। वहीं जांच कमेटी ने ईलाज में कोई कमी नहीं पाई है। आईसीयू में सिलेंडर की जगह ऑक्सीजन पाइप लाइन होनी चाहि

नासवी द्वारा फूड फेस्टिवल का आयोजन

चित्र

उत्तराखंड में ही मिलेगा कैंसर का उपचार

उत्तराखंड के लोगों को कैंसर उपचार के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश में कैंसर संस्थान के लिए भारत सरकार ने 9.88 करोड़ रुपये दे दिए हैं। मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में राज्यस्तरीय कैंसर संस्थान बनेगा। प्रदेश के लोगों की तरफ से लंबे समय से राज्यस्तरीय कॉलेज संस्थान की मांग की जा रही थी। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया है। मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में कैंसर संस्थान खोला जाएगा। भारत सरकार की तरफ से इसके लिए 9.88 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड सरकार को राशि शुक्रवार को भेजी गई है। उत्तराखंड के लोगों को कैंसर के लिए दूसरी राज्य में नहीं जाना पड़ेगा

इंटरनेशनल हैप्पी स्कूल शाहदरा में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

चित्र
स्वास्थय जाँच शिविर इन्टरनेशनल हैप्पी स्कूल शाहदरा के प्रांगण में स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन किया गया। इसमें पहली कक्षा से पाँचवी कक्षा तक के विद्याथियों के स्वास्थ्य की जाँच की गई। बच्चाें के दाँतों की जाँच कॉलगेट कम्पनी से आये हुये डॉक्टरों द्वारा की गई। बच्चों को दो समय दाँत साफ करने के लिए कहा गया एवं खानपान के बारे मे बताया गया। जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव न पड़े। डॉक्टरों की टीम ने बच्चों को सफाई एवं दाँतों की देखभाल के लिए बताया। उन्होनें बच्चों को पेस्ट एवं टुथब्रश भी भेंट किये। विद्यालय प्रबन्धक श्री शशिकान्त भारती ने आये हुए डॉक्टरों की टीम का धन्यवाद किया।

हजरत हकीम इमामुद्दीन जका़ई का जीवन एक मिसाल है , युवा हकीम व डॉक्टरों के लिए आदर्श और प्रेरणा के स्रोत है

चित्र
जनाब हकीम इमामुद्दीन जकाई साहब का जीवन एक ऐसे इंसान की जिंदगी का आईना है जो संघर्षशील, जुझारू ,मेहनती, लगन शील और प्रगतिशील इंसान है। खुदा पर अटूट विश्वास करने वाले, और सब्र करने वाले, लेकिन हर वक्त आगे बढ़ना इनकी जिंदगी का मकसद रहा है। यूनानी देसी ,जड़ी - बूटियों में खोज करना और निरंतर मरीजों को फायदा पहुंचाना, इस तरह का ताना-बाना इनके दिमाग में हर वक्त रहता है । समाज के शोषित, उत्पीड़ित, उपेक्षित, वंचित, मजलूम और कमजोर लोगों के दुख दर्द को बांटना उनकी हर संभव सहायता करना हकीम साहब का रोजाना का शगल बन गया है।  तभी तो इन्होंने आज हिकमत के साथ-साथ समाज सेवा में भी अपना एक उच्च  स्थान बना लिया है ।जिसका समस्त समाज को फक्र है। जिस इंसान में दुश्मनों को भी दोस्त बनाकर, नफरत को भी मोहब्बत में बदल कर चलने की आदत हो ऐसे इंसान के विशाल हृदय में कितना प्यार - मोहब्बत और भाईचारे की का समावेश होगा?  सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है । सर्व गुणों से भरपूर व्यक्ति की जिंदगी का अंदाजा लगाना आसान काम नहीं है । पत्रकारिता के जीवन में बहुत अच्छे अच्छे लोगों से और बड़े नामचीन लोगों से मुलाकात होती रहती है,

॰ दिल की देखभाल कितनी है जरूरी

चित्र
ये याद रखिये की भारत मैं सबसे ज्यादा मौते कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं। आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे। अमेरिका की कईं बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं ! लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ। इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं। यह stent अमेरिका में बनता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है। इसी stent को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता है व आपको लूटा जाता है।  डॉक्टरों को लाखों रूपए का commission मिलता है इसलिए व आपसे बार बार कहता है कि angioplasty करवाओ। Cholestrol, BP ya heart attack आने की मुख्य वजह है, Angioplasty ऑपरेशन। यह कभी किसी का सफल नहीं होता। क्यूँकी डॉक्टर, जो spring दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल pen की spring की तरह होती है। कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइडों पर आगे व पीछे blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है

प्रियंका चोपड़ा ने यूनिसेफ से मानवता के लिए जीता है ऐवार्ड

चित्र
देसी गर्ल यानी प्रियंका चोपड़ा ना सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी अपने नाम के झंडे गाड़ चुकी हैं। दुनिया भर में उनके चाहने वाले लाखों-करोड़ों फैंस हैं, सबके दिलों में अपनी अलग पहचान बना चुकी प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में एक बड़ा अवॉर्ड अपने नाम किया है।  बता दें कि, प्रियंका चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए देश का नाम एक बार फिर से रोशन किया है। UNICEF ने मानवता के लिए प्रियंका चोपड़ा को “डैनी काये मानवतावादी पुरस्कार” से सम्मानित किया है। इस साल जून में UNICEF ने 2019 के पुरस्कार विजेता के तौर पर प्रियंका चोपड़ा के नाम की घोषणा की थी| प्रियंका को मंगलवार की रात को स्नोफ्लेक बॉल में UNICEF की ओर से सम्मानित किया गया।

मिड डे मील में मृत मिला चूहा, एक शिक्षक समेत 10 छात्र अस्पताल में भर्ती

चित्र
मुजफ्फरनगर : सरकारी स्कूल के मिड-डे मील में मृत मिला चूहा, भोजन खाने के बाद एक शिक्षक समेत 10 छात्र अस्पताल में भर्ती राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, एक एनजीओ द्वारा भोजन की आपूर्ति की जाती है। हमने एनजीओ के खिलाफ एएआईआर दर्ज करके काली सूची में डाल दिया  उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद नौ छात्र और एक अध्यापक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरअसल में भोजन में एक चूहा मृत पया गया। इसी भोजन को खाकर नौ छात्र और एक अध्यापक बीमार पड़ा गए। तत्काल उन्हें इलाज के अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि की बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मुजफ्फरनगर के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नवीन बंसल ने कहा कि नौ छात्रों और एक शिक्षक को इमरजेंसी में लगाया गया था। उन्हें उपचार दिया गया और उनके शरीर में जहर नहीं पाया गया। इलाज के बाद सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। आगे की कार्रवाई जांच पूरी होने के बाद की जाएगी मुजफ्फरनगर के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मी के भोजन में मृत चूहा निकलने पर राज्य बेसिक शिक्षा अधिकार

टीबी मरीजों की तादाद में 18 परसेंट की वृद्धि

चित्र
केंद्र सरकार 2020 तक अच्छी तरह से टीबी मुक्त होने का दावा कर सकती है, लेकिन तथ्य यह है कि रोगियों की संख्या में 18% की वृद्धि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा में सवाल उठाया।  जवाब में यह जानकारी दी  ऑल इंडिया मजलिस-ए-इस्लामी मुस्लिम लीग के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मलिक कोटि क्षय रोग से मुक्ति के संबंध में एक प्रश्न पूछा था। नवीनतम ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में 63,000 की तुलना में भारत में टीबीएच एचआईवी के कारण होने वाली मौतों में 9,700, या 2018 में 85% की कमी आई है, नवीनतम ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार।  भारत में टीबी एचआईवी सहित टीबी के कारण होने वाली कुल अनुमानित मौतों में 2010 में 5,57,000 की तुलना में 2018 में 4,49,000 या 19% की कमी आई है।  नवीनतम ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में नए टीबी के मामलों की संख्या लगभग 26.9 थी।  नवीनतम भारत टीबी रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में 18,27,959 की तुलना में 2017 में टीबी के रोगियों की संख्या में 18% की वृद्धि हुई है, जो बढ़कर 21,55,894 हो गई है। नवीनतम भारत टीबी रिपोर्ट के अनुस