जर्जर हालत में पहुंच चुका है जच्चा बच्चा केंद्र

मुजफ्फरनगर। केन्द्र व प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बडे-बडे वादे व दावे करती रहती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मोटा बजट आता है, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण जनता को उसका लाभ मामूली रूप से ही मिलता है और सरकारी योजना मिट्टी में मिल जाती है। ऐसा ही एक मामला जच्चा-बच्चा केन्द्र का सामने आया, जिसमें करोडों की लागत से बना जच्चा बच्चा केन्द्र मात्र 5 साल में ही बेहद जर्जर हालत में है और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है।  जानकारी के अनुसार शामली जनपद के उफन ब्लॉक क्षेत्र में गांव पुरमाफी में दो दशक पूर्व जच्चा बच्चा केन्द्र का निर्माण हुआ था, जो कुछ दिन तो सही चला और फिर वह जर्जर हालत में पहुंच गया था। ग्रामीणों की शिकायत पर लगभग चार साल पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसकी मरम्मत कराई गई थी, लेकिन सही देखभाल न होने के कारण वह फिर से बेहद जर्जर हालत में पहुंच गया और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया। इस सम्बंध में रालोद नेता सचिन सरोहा ने 22 दिसम्बर 2018 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री व जनपद प्रभारी मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को एक ट्वीट के माध्यम से जच्चा बच्चा केन्द्र की हालत के बारे में अवगत कराया था, लेकिन आज तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई और जच्चा बच्चा केन्द्र बिल्कुल जर्जर हालत में है। सीएमओ शामली से कई बार इस सम्बंध में वार्ता करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही शून्य रही। विभाग की उदासीनता के चलते ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है और महज चार साल पहले नवनिर्मित इमारत फिर से जर्जर हालत में पहुंच चुकी है।  रालोद नेता सचिन सरोहा ने बताया कि उन्होंने 28 दिसम्बर 2019 को भी स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय को ट्वीट कर जच्च बच्चा केन्द्र की जर्जर हालत के बारे में अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि शामली जनपद के उन ब्लॉक के गांव पुरमाफी के जच्चा बच्चा केन्द्र की शीघ्र मरम्मत न हुई, तो क्षेत्र की जनता आंदोलन करने को मजबूर हो जायेगी। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।


 


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