मदरसा आहया अल-उलूम सरकड़ा (चकराजमल ) में हुआ सालाना इजलास। मां की गोद से लेकर कब्र में जाने तक इल्म हासिल करो : मदरसे से दिया गया पैग़ाम

 एक दिन की पढ़ाई का नुकसान चालीस दिन में भी पूरा नहीं किया जा सकता :  मौलाना मुहम्मद ज़ुल्फ़िकार नदवी

सरकड़ा, स्योहारा (ज़िला बिजनौर) उ.प्र. (अनवार अहमद नूर )

इस्लाम में इल्म हासिल करने का बड़ा महत्व है और ज्ञान प्राप्त करना भी इबादत है। पैग़म्बर मुहम्मद साहब (सल्ल) ने कहा कि ज्ञान प्राप्त करना पुरुषों और महिलाओं पर अनिवार्य है। इसी तरह इस्लाम धर्म में मां की गोद से लेकर कब्र में जाने तक इल्म हासिल करने की बात कही गई है। इसलिए अधिक से अधिक इल्म हासिल करो, ये पैग़ाम यहां ग्राम सरकड़ा चकराजमल में मदरसा आहया अल उलूम में उलमा हज़रात ने दिया।


मदरसे के वार्षिक प्रोग्राम में बच्चों से अधिक से अधिक इल्म हासिल करने का आग्रह करते हुए महिलाओं से कहा गया कि आपमें से जो बहनें शिक्षित हैं, वे अपने आसपास की अशिक्षित बहनों को शिक्षित करें और तालीम के दीपक से और दीपक जलाएं। ऐसे ही विचार व्यक्त करते हुए मौलाना मुहम्मद ज़ुल्फ़िकार नदवी ने मदरसा अहया के वार्षिक सम्मेलन में तालीम पर ज़ोर दिया और कहा कि जिस धर्म (इस्लाम में) ज्ञान प्राप्त करने को बड़ा कर्तव्य बताया हो और जिसमें ज्ञान प्राप्त करना इबादत हो, उसके अनुयायी शिक्षा के प्रति लापरवाही नहीं बरत सकते उन्हें तालीम के नुकसान को बड़ा नुक़सान मानना ही होगा। उन्होंने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को तरह-तरह के बहाने बनाकर छुट्टियां करने को दुखदाई बताया और इस पर नियंत्रण की ज़रूरत पर बल दिया। हज़रत मौलाना ने कहा कि एक दिन की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई चालीस दिन की पढ़ाई से नहीं की जा सकती। इजलास में मुहम्मद हुसैन देहलवी ने पवित्र क़ुरआन का पाठ किया।  मदरसे के बच्चों ने नात शरीफ और तराने पढ़े।


जिसकी मौजूदा लोगों ने तारीफ़ की। 

इस मौके पर अज़ा परवीन, महक परवीन, अली रज़ा, मोहम्मद ओवेस,मोहम्मद कलीम, मोहम्मद अयान,अज़रा परवीन,हबीबा अंसारी, जुवैदा परवीन,मोहम्मद सुबहान, मोहम्मद अल फ़ैज़,को शानदार प्रदर्शन करने पर पुरुस्कार दिए गए।

इस अवसर पर मदरसे के मुख्य अध्यापक मास्टर रईस अहमद ने मदरसे की शैक्षणिक व्यवस्था के बारे में बताते हुए कहा कि यहां क़ुरआन कंठस्थ करने का विभाग है, सभी बच्चों को पवित्र कुरान कंठस्थ करने के साथ-साथ अनिवार्य धार्मिक और दुनियावी शिक्षा भी दी जाती है और समसामयिक विषय भी पढ़ाए जाते हैं। मदरसा बेसिक को शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त है। मदरसा शिक्षक शान आलम, दीनयात विभाग के प्रभारी क़ारी मुहम्मद रागिब और शोबा हिफ़्ज़ (कंठस्थ विभाग) के प्रभारी मौलाना मनाज़िर क़ासमी ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। मिठाइयाँ वितरित की गईं। इस प्रोग्राम में गांव के दर्जनों महिलाओं और पुरुषों ने भी शिरकत की और बच्चों की हौंसला अफ़ज़ाई की। 

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