कांग्रेस परिवारवाद की छवि से निकलकर नई राजनीतिक पारी खेलने को तैयार, पूरी तरह से कांग्रेस में बदलाव को लेकर पार्टी में चल रहा है गंभीर मंथन

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए मुस्तकीम मंसूरी की खास रिपोर्ट, 

सोनिया गांधी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें संगठन हितों के अधीन काम करना होगा सब से आग्रह है कि खुलकर अपने विचार रखें|राजस्थान, उदयपुर की झीलों की नगरी में कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर ने कॉन्ग्रेस अब पुरानी बातों को भूल कर नए सिरे से राजनीति में आगे कदम रखेगी,


जिसके कांग्रेस नेताओं ने संकेत भी दे दिए हैं उदयपुर में चिंतन शिविर का आज तिसरा दिन है, इस चिंतन शिविर में कांग्रेस अब पूरी तरह से बदलाव के मूड में नजर आ रही है 13 से 15 मई तक चलने वाले चिंतन शिविर में परिवारवाद पर गहन मंथन चल रहा है इसके बाद पार्टी जल्द ही एक टिकट के परिवार का फार्मूला निकाल सकती है अगर ऐसा होता है एक परिवार से सिर्फ एक टिकट मिलने का मौका मिलेगा

इसे लेकर कांग्रेस गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो रहा है चिंतन शिविर में नेताओं ने माना कि कांग्रेस ने बदलते वक्त के हिसाब से खुद को अपडेट नहीं किया जिसकी वजह से कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है|
कांग्रेस संगठन के लेवल पर बदलावों की सिफारिश की गई है अब इस चिंतन शिविर में जनता के बीच लगातार रहने और पकड़ बनाने के लिए बूथ स्तर और ब्लॉक स्तर पर ज्यादा काम करने का सुझाव दिया गया है भूत और ब्लॉक के बीच मंडल बनाए जाने हैं कांग्रेस में बदलाव के साथ सभी नए मॉडल भी लागू किए जाएंगे, टिकट वितरण से लेकर लंबे समय तक पद पर बने रहने वाले फार्मूले को भी बदलने की बात की जा रही है| इसके अलावा कांग्रेस पार्टी में लगातार किसी को भी 5 साल के बाद पद नहीं दिया जाए 3 साल के गैप के बाद भी आगे कोई पद दिया जाए किस नियम से सिर्फ ऐसे परिवार के सदस्य को छूट मिलेगी जिसने 5 साल तक पार्टी के लिए उदाहरण पेश करने वाले काम किए हो, इसके अलावा कांग्रेस पार्टी में 50 फीसदी युवाओं को शामिल करेगी के अलावा संगठन में अन्य कई सुधार किए जाएंगे कांग्रेस में भूत और ब्लॉक स्तर के बीच मंडल समितियों की स्थापना सभी स्तरों पर पार्टी समितियों में 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को 50% हिस्सेदारी दी जाएगी|



संगठनात्मक सुधार और बदलाव पर चिंतन शिविर में कांग्रेस का जोर, 

कांग्रेस पार्टी शिविर में संगठनात्मक सुधार और बदलाव पर चर्चा कर रही है| लेकिन पहली बार कांग्रेस पार्टी को इस बात का भी एहसास हो गया है| कि मोदी के इस दौर में अब नेहरू गांधी के सहारे चुनावी वैतरणी पार नहीं की जा सकती है | गौरतलब है, कि भाजपा विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस पर परिवारवाद का करारा प्रहार करते रहे हैं| यही कारण है कि अब कांग्रेस परिवारवाद से पीछा छुड़ाना चाहती है भले ही एक परिवार में एक टिकट देने के फार्मूले को सबसे से लागू करने की बात कही जा रही हो, लेकिन पार्टी में पहले भी इस तरह के कई फार्मूले बने है, जिले सख्ती से लागू करने के दावे किए गए , और उन फार्मूला पर आज तक अमल नहीं हो पाया| इसलिए चिंतन  शिविर की शुरुआत में  सोनिया गांधी ने अपने भाषणों से इसके संकेत भी दिए हैं| सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब कब उतारने का समय है| वहीं सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कांग्रेस के बड़े नेताओं को त्याग करके पार्टी हित में काम करने की नसीहत भी दी है| सोनिया गांधी ने कहा कि अब समय आया है कि हमें संगठन हितों के अधीन काम करना होगा| सोनिया गांधी ने कहा आप सब से आग्रह हैं खुलकर अपने विचार रखें, मगर बाहर एक ही संदेश जाना चाहिए संगठन की मजबूती मजबूत निश्चय और एकता का| कांग्रेस के तीन दिवसीय इस शिविर को नव संकल्प शिविर का नाम दिया गया है| कांग्रेस के तीन दिवसीय शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के देश भर के 400 बड़े नेता इस शिविर में शामिल हुए हैं|

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