कार्यदायी संस्थाओं और ठेकेदारों की हीलाहवाली पर बरतें सख्ती, गुणवत्ता और समयबद्धता अनिवार्य - जयवीर सिंह



बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए लखनऊ से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट,

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने की विभागीय समीक्षा बैठक

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है, कि राज्य में लंबित पर्यटन परियोजनाओं को प्राथमिकता देते हुए तय समय सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए। मंत्री ने स्पष्ट किया कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विकास कार्यों में शिथिलता बरतने वाले ठेकेदारों, आर्किटेक्ट आदि पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। कहा, कि पर्यटन विभाग की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर दिखना चाहिए।
मंत्री जयवीर सिंह आज गोमती नगर स्थित उप्र0 पर्यटन भवन में विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह के अलावा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।   
पर्यटन मंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं और आधारभूत ढांचे के विस्तार पर विशेष जोर दे रही है। इन प्रयासों का उद्देश्य धार्मिक स्थलों को बेहतर बनाकर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के अनुभव को समृद्ध करना है।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कार्यों प्रगति में हीलाहवाली बरतने वाले ठेकेदारों व आर्किटेक्ट्स कोचिन्हित कर कड़ी कार्यवाही की जाए।  मंत्री ने वर्चुअल निरीक्षण के जरिए बुलंदशहर, चित्रकूट के सोमनाथ शिव मंदिर, फिरोजाबाद के मदनपुर में यमुना नदी के किनारे निर्माण कार्यों, गोंडा जिले में विकास कार्यों, गोरखपुर में बन रहा प्रदेश का पहला स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (एसआईएचएम), झांसी के बुद्ध विहार विपश्यना केंद्र, मथुरा के गोकुल नगर पंचायत में निर्माणाधीन भवन आदि का जायजा लिया। इस दौरान मंदिर के पुजारी, विपश्यना केंद्र के भंते आदि ने पर्यटन मंत्री से बातचीत में कार्य प्रगति पर प्रसन्नता जाहिर की। 
पर्यटन मंत्री ने टेंडर प्रक्रिया, कार्य पूर्णता, समय सीमा के भीतर पर्यटन विकास कार्यों को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा, कि श्प्रदेश के अल्पज्ञात पर्यटन स्थलों को विकसित और इको टूरिज्म की संभावनाओं को सशक्त किया जाए। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि हर जिले के वैसे पर्यटन स्थल जो देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करते हों, उनका प्राथमिकता के आधार पर विकास किया जाए।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए जिम्मेदारों को मानकों के अनुरूप कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 
निर्माणाधीन भवनों में लगने वाले टाइल्स, हैंडल, उपकरण, कैफेटेरिया, आगंतुकों के बैठने के लिए बेंच, शौचालय, सौंदर्यीकरण एवं साइनेज जैसे सभी कार्यों में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। प्रमुख सचिव ने तय समय सीमा में सभी कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए।

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