लेखपालों द्वारा भूमि अंश निर्धारण से 20 फ़ीसदी जनता है परेशान,
बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए उन्नाव से फ़िरदौस वारसी की रिपोर्ट,
उन्नाव/तहसील हसनगंज के राजस्व विभाग के आल्हा अधिकारियों की गलतियों का खामियाजा आखिर क्यों भगत रहा है आम इंसान आखिर इसका जिम्मेदार कौन? क्योंकि राजस्व संबंधित सरकारी अभिलेख, लेखपाल के पास होते हैं, बिना शपथ पत्र लिए नहीं होता आम आदमी का काम। वही बड़ा सवाल यह है कि वर्ष 2023-24 में खतौनी के हिस्सेदारों के रकबे कुछ और थे और 2025 में कुछ और, यह इतना बड़ा बदलाव बिना जानकारी व बिना शपथ पत्र के अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। दरअसल वास्तविकता यह है कि लेखपाल वे लगाम हो गए, जो मन में आया कर दिया, संशोधन करने के लिए पीड़ित करता रहे हसनगंज तहसील परिसर की गणेश परिक्रमा...?? आखिर इसका खामियाजा क्यों दुखते अन्नदाता...?? आखिर कौन है इसका जिम्मेदार.....?? क्या जिला प्रशासन इस जटिल समस्या पर ध्यान देकर अन्नदाता को लेखपालों की मनमानी से बचाने के लिए कोई कड़ा कदम उठाएगा? या फिर बेलगाम हुए लेखपालों से अन्नदाता को संशोधन करने के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा।
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