पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कलेक्ट्रेट में एकजुट हुए कर्मचारी

 प्रदेश के सभी विभागों के हिमायती एक बैनर के तले एकजुट हुए तथा सरकार को कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्षरत है।लेकिन इसको लेकर सरकार गम्भीर नहीं हैं।जिसके कारण वर्ष 2005 के बाद से नौकरी का दामन थामने वाले अधिकारी व कर्मचारी बढ़ापे की लाठी से कोसों दूर हो गए हैं।


वैसे तो कर्मचारी संगठनों नें  इसको लेकर हुंकार भर रखी हैं, लेकिन सरकार इसको बहाल करनें के कतई मूढ़ में नहीं हैं। वहीं अपनें शिखर को मजबूत रखनें के लिए संगठनों के मुखियाओं नें आंदोलन का रूख सख्त करते हुए तमाम जिलों के मुख्यालय पर 21मार्च को हनक देनें का फैसला किया है।वहीं 22मार्च से 21अप्रैल तक गेट बैठके होंगी।महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सत्रह लाख कर्मचारियों नें बेमियादी हड़ताल का बिगुल फूंक दिया हैं। जिसके बाद से अन्य प्रदेशों में भी जोश पनपने लगा है। उत्तर प्रदेश कलैक्ट्रेट मुखिया सुशील कुमार त्रिपाठी व महामंत्री अरविंद वर्मा के फरमान जारी करते ही जिलें के पदाधिकारियों ने इसे गम्भीरता से लेना शुरू कर दिया हैं। जिसमें सबकी मुस्तैदी आंदोलन का सही रूख तय करेगी।

       दूसरी ओर स्थानीय निकायों के चुनावों की घंटी बजती नजर आ रही हैं।अब देखना है कि आंदोलन का रूख इस चुनावों से पूर्व क्या रंग लाता है।

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