बेमौसम भारी वर्षा, ओलावृष्टि और तूफान से फसलों का भारी नुकसान हुआ है. मौसम की मार से किसान खून के आंशु रो रहा है.

 फरवरी महीने में ही गर्मियां शुरू होने से गेहूं, दलहन, तिलहन की फसल पहले ही मुश्किल में थी, ऊपर से भारी बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. फसलों के साथ जनहानि, पशुहानी और मकनहानी भी हुई.

गेहूं की फसल जहां खेतों में बिछ गई है वहीं, सरसों, चना, मटर की भी फसल मुसीबत में पड़ गईं. खड़ी और कटी फसल को नुकसान हुआ. 



ओले ने फसल को बेकार कर दिया है. यही हाल आलू की फसल का है. 

सरकार इस प्राकृतिक आपदा के कारण तबाह हुए किसानों को तत्काल से उचित मुआवजा का प्रबन्ध कर किसानों को राहत पहुंचाएं.

केंद्र और प्रदेश सरकार तत्काल नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा दे.


मार्च के महीने में देश के अन्य राज्यों में ओलावृष्टि चिंता की बात है, यह तेजी से बढ़ते जलवायु परिवर्तन का परिणाम है. ग्लोबल वार्मिंग किसानों को बर्बाद कर देगा.

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