28 महीने बाद हुई पत्रकार सिद्धीक कप्पन की रिहाई

 केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को 28 महीने बाद जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें यूपी के हाथरस कांड के बाद जनता को भड़काने और यूएपीए की धाराओं में गिरफ्तार किया गया था. सिद्दीक को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से बीते 23 दिसंबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिली थी. आजतक से बात करते हुए सिद्दीक कप्पन ने कहा कि मेरे साथ जो भी हुआ, अब उसके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे. 


पत्रकार कप्पन ने कहा कि मैं अभी जेल से बाहर आते वक्त जेलर से मिला तो उन्होंने कहा कि सिद्दीक बाहर मीडिया है. आप कुछ बताना मत, नहीं तो आपके ऊपर दोबारा मुकदमा लगेगा. सिद्दीक ने कहा कि वो सिर्फ हाथरस में हुए केस की रिपोर्टिंग करने के लिए पहुंचे थे. क्या वो कोई जुर्म था. मेरे साथ एक ओला ड्राइवर था, उसको भी पकड़कर जेल में डाल दिया.  

कप्पन ने कहा कि हमारे मोबाइल में कितने ही लोगों के नंबर है. बीजेपी के तमाम नेताओं के नंबर हैं. आरएसएस वालों के मोबाइल नंबर हैं. पीएफआई के लोगों के मोबाइल नंबर हैं. अगर किसी का मोबाइल नंबर मोबाइल फोन में है तो उसका कनेक्शन उससे जोड़ दिया जाएगा.  PMLA को लेकर बोले सिद्दीक

वहीं मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे बैंक अकाउंट में किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं था. मेरे अकाउंट में ₹5000 भी नहीं आए. PMLA के लिए ₹5000 नहीं है, एक करोड़ से अधिक का है तो भी PMLA नहीं लगेगा. मेरे ऊपर पांच हजार रुपये पर PMLA लगा दिया गया.  

जो हुआ, उसके खिलाफ लड़ेंगे लड़ाई: कप्पन

लखनऊ की जेल से रिहा होने के बाद सिद्दीक ने कहा कि मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ा है. मेरी मां का इस दौरान इंतकाल हो गया. मैं जेल में था मेरी पत्नी और बच्चे की पढ़ाई छूट गई. जो कुछ हुआ अब उसके खिलाफ आगे लड़ाई लड़ेंगे. जेल में मेरे पास सिर्फ मोबाइल, दो पैन और एक नोटपैड था. सिद्दीक कप्पन ने कहा कि 28 महीने बाद मुझे पूरा न्याय नहीं मिला, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद हम बहुत खुश हूं.  

मथुरा से हुई थी सिद्दीक समेत 4 लोगों की गिरफ्तारी

बता दें कि 5 अक्टूबर, 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दीक कप्पन समेत चार लोगों को पीएफआई से कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. चारों लोगों पर आरोप लगाया गया कि चारों आरोपी हाथरस में हिंसा फैलाने की प्लानिंग के लिए जा रहे थे. 

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