न्यायालय के स्टे आर्डर के बावजूद दुकान मालिक ने दबंगई के बल पर दुकानें तोड़कर न्यायालय के आदेश की अवमानना की है, प्रशासन मौन आखिर क्यों?

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए पीलीभीत से ब्यूरो चीफ शाहिद खान की रिपोर्ट, 

अचानक दुकानें ध्वस्त किए जाने से किरायेदारों का लाखों के सामान मलबे मे  दबने से दुकानदारों का हुआ लाखों का नुकसान,जनपद पीलीभीत में छतरी चौराहे पर कौशल्या देवी नेत्र चिकित्सालय के सामने प्रकाश सिंह रंधावा की दुकानें बनी हुई थी जिसमें अनूप जुल्का, हनीफ खान, अब्दुल सलीम, रईस मियां जो 1975 से किराएदार थे अनूप जुल्का का ऑटो इलेक्ट्रिशियन के सामान की दुकान थी व हनीफ खान का टायरों के रिपेयरिंग का काम था व अब्दुल सलीम का ऑटो पार्ट्स की दुकान थी व रईस मियां की हार्डवेयर सीट रिपेयरिंग का काम था प्रकाश सिंह रंधावा ने किरायेदारों को बिना नोटिस दिए अचानक अपनी दुकानों को ध्वस्त करा दिया।




किरायेदारों का दुकानों में सामान भरा हुआ था जिससे उनको
लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है उनका कहना है कि एक तो नोटबंदी ने उनकी कमर तोड़ी अब तो हम बर्बाद हो गए व्यापारियों का आरोप है कि माननीय न्यायालय के स्टे आर्डर के बाद भी दुकान मालिक ने अपनी दबंगई से दुकानें तुड़वा दी जिससे माननीय न्यायालय के आदेश का अपमान हुआ है व्यापारियों का यह भी आरोप है कि पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की व माननीय न्यायालय के आदेश के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की अब वह माननीय न्यायालय से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं कि उनका जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई प्रकाश सिंह रंधावा द्वारा की जाए व उनको जैसी दुकाने थी वैसे ही बनवा कर दे दी जाएं जिससे कि उनके परिवार का भरण पोषण हो सके

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