इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुकद्दमो की लिस्टिंग एवं सूचना तकनीकी व्यवस्था की खामियों को लेकर वकीलों में भारी आक्रोश है।

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए इलाहाबाद से ब्यूरो रिपोर्ट, 

एडवोकेटस ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर चीफ जस्टिस से मिलकर समस्या का अविलंब हल निकालने का दबाव बनाया है। इलाहाबाद, बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अशोक कुमार सिंह,पूर्व उपाध्यक्ष अतुल कुमार पाण्डेय, पूर्व संयुक्त सचिव प्रशासन संतोष कुमार मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी,आदि सैकड़ों वकीलों ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव से ध्वस्त हुई व्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास करने की मांग की है।


हाईकोर्ट में मुकदमे लिस्ट पर है,और स्टेटस मे रिकार्ड नहीं है की रिपोर्ट अपलोड है।जिसके चलते भारत सरकार जैसे तमाम विपक्षी वकीलों को केस की जानकारी नहीं मिल पाने से सुनवाई टल रही है या एक पक्षीय आदेश पारित हो रहे हैं। नये दाखिल मुकदमे 20 से 25 दिन बाद सूचीबद्ध हो रहे हैं और सुनवाई न हो पाने पर पांच दिन बाद दुबारा सूची पर लिस्ट किया जा रहा है। जिससे वकीलों को वादकारियों से फजीहत झेलनी पड़ रही है।अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव वह शरद चंद्र मिश्र ने महानिबंधक को पत्र लिखकर कंप्यूटर तकनीकी व्यवस्था में तत्काल सुधार के कदम उठाने की मांग की। साथ ही कोर्ट भवन सुंदरीकरण के दौरान न्याय कक्षों से हटायी गई अशोक की लाट पुनर्स्थापित करने तथा न्याय कक्षो में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड के लिए छः साल पहले लगे टीवी स्क्रीन को चालू कराने की मांग की है।

श्रीवास्तव ने मुकद्दमो की लिस्टिंग समस्या की तरफ भी महानिबंधक का ध्यान खींचा है।

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