हजरत क़िब्ला शाह शुजाआत अली मियां रहमतुल्लाह अलेह का सालाना 66 वां उर्स का आगा़ज़ हुआ,

 बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट, 

जुलूसे परचम कुशाई से उर्स ए शाह शुजाअत मियां का आग़ाज़, 

बरेली,आज दिनांक 10 मई 2022 बरोज़ मंगल हज़रत किब्ला शाह शुजाअत अली मियां रह. अलैह का सालाना 66 वां उर्स का आग़ाज़ हुआ, दिन की शुरुआत सुबह बाद फज्र कुरआन ख्वानी से हुई। 




दोपहर 3:00 बजे बाद ज़ुहर आस्ताना मुबारक हज़रत शाह दरगाही मेहबूबे इलाही (जियारत शरीफ़) से अपने रिवायती तौर पर उर्स के परचम कुशाई की रस्म अदा की गई, इस मौके पर पीरो मुरशिद हज़रत शाह सक़लैन मियां हुज़ूर ने फातिहा ख्वानी की, खुसूसी दुआएं कराईं और इसके बाद हज़रत मुनतखब मियां साहब व हज़रत गाज़ी मियां साहब को उर्स का परचम (झंडा) सौंपकर जुलूस को रवाना किया।

जुलूसे परचम पीरो मुरशिद शाह सकलैन मियां हुज़ूर की सरपरस्ती में उठाया गया और रास्ते भर इसकी कयादत हज़रत मुंतखब मियां साहब व हज़रत गाज़ी मियां साहब ने की।

जुलूस परचम बेहद अमन ओ सुकून, अदब ओ एहतराम के साथ निकाला गया, रास्ते में जगह जगह जुलूस का हार फूल बरसाकर ज़ोरदार इस्तकबाल किया गया और जगह जगह पानी, शरबत की सबीलों का भी उम्दा एहतिमाम रहा।

जुलूस जियारत शरीफ़ से शुरू होकर अपने परंपरागत रास्तों हुसैन गली, खिलाड़ी वाली चौपाल, मेन बाज़ार व पुल के मुख्य मार्गों से होता हुआ दरगाह शाह शुजाअत अली मियां पर पहुंचा और यहां परचम को नस्ब कर दिया गया।

जुलूस में खास तौर मौलाना असरार, अख्तर सकलैनी, महफूज़ सकलैनी, हाफ़िज़ गुलाम गौस, सादकैन सकलैनी, हाफ़िज़ आमिल, हाफ़िज़ अयाज़, कारी कैस मुहम्मद, हाफ़िज़ मुस्तकीम, मौलाना जान मुहम्मद, इंतिखाब सकलैनी, मुर्तज़ा सकलैनी, हमज़ा सकलैनी, सलमान सकलैनी, मुनीफ़ सकलैनी, असदक सकलैनी, गुड्डा सकलैनी, फ़राज़ सकलैनी आदि शामिल रहे।

जुलूस में मुकामी अकीदतमंदों के अलावा बाहर के  अकीदतमंदों ने भी बड़ी तादाद में शिरकत की।

आज उर्स शरीफ़ के पहले दिन ज़ायरीन की आमद का सिलसिला काफी बढ़ गया पूरा दिन जायरीन का तांता बंधा रहा, देश के हर राज्य व शहर से ज़ायरीन उर्स में हाज़िरी के लिए आ रहे हैं, मज़ारे शाह शुजाअत अली मियां पर चादर व गुलपोशी का सिलसिला हर वक्त बना हुआ है, इस मुबारक मौके पर तमाम ज़ायरीन अपने पीरो मुरशिद हज़रत शाह सक़लैन मियां हुज़ूर से कतार में लगकर मुलाकात ओ सलाम कर रहे हैं और बेशुमार तादाद में लोग मियां हुज़ूर से मुरीद होकर उनकी दुआओं व फैज़ान से मालामाल हो रहे हैं। 


तकरीरी प्रोग्राम का शानदार आयोजन

 शाम को बाद नमाज़ ईशा 9:00 बजे दरगाह शरीफ़ के में एक शानदार तकरीरी प्रोग्राम का इनिकाद (आयोजन) हुआ, प्रोग्राम तिलावत ए कलामे पाक से हाफ़िज़ आमिल सकलैनी ने किया।  

प्रोग्राम पीरो मुर्शिद शाह सकलैन मियां हुज़ूर की सरपरस्ती में हुआ, जिसमें खुसूसी आलिम हज़रत नूर मुहम्मद साहब ने शाह शुजाअत अली मियां हुज़ूर की शाने विलायत बयान कर शानदार खिताब किया।

इसके बाद मुरादाबाद से आए जनाब रुम्मान कादरी सकलैनी साहब ने अपनी तकरीर में कहा कि हज़रत शाह शुजाअत अली मियां अल्लाह के वो वली हैं कि जिनके वालिद भी वाली हैं और बेटा भी वली है और दोनो ही बड़े और कामिल वाली हैं, हज़रत शाह शुजाअत अली मियां हुज़ूर की बुजुर्गी बहुत बुलंद है और आप निहायत ही सादगी, इंकिसारी, आज्ज़ी पसंद तबीयत के मालिक थे, आपने रेलवे में सरकारी मुलाजिमत भी की साथ ही अल्लाह के ज़िक्र और इबादात, मखलूक की मदद में आप दिन रात मशगूल रहते थे, आपकी खिदमत में जो भी फरयादी आता था उसको उसका फोरन काम हो जाता था, आज आपके मज़ार ए पाक से लाखों लोग खूब फैज़ हासिल कर रहे हैं

प्रोग्राम की निज़ामत जनाब जान मुहम्मद साहब ने की, और सदारत उस्ताद शायर जनाब मुंतखब अहमद नूर साहब ने की। 

तकरीरी सिलसिले के बाद एक शानदार मुशायरे का आग़ाज़ किया।

मुशायरे में जनाब रागिब ककरालवी, जनाब फरहत सकलैनी, जनाब मुख्तार तिलहरी, जनाब अंसार झांसवी, जनाब निसार सकलैनी मुंबई, चांद ककरालवी, हसीब रौनक, आमिल ककरालवी, आफ़ाक सकलैनी आदि ने अपने अपने दिलकश ओ खूबसूरत कलाम पेश किए।

प्रोग्राम में काफी तादाद में अकीदतमंदों ने शिरकत की।

स्टेज पर खुसूसी तौर पर मुंतखब मियां साहब, गाज़ी मियां साहब, हाफ़िज़ गुलाम गौस, हाफ़िज़ आमिल, इंतज़ार सकलैनी, लतीफ़ सकलैनी, ज़िया सकलैनी आदि मौजूद रहे। 

दो रोज़ा उर्स में ज़ायरीन की ठहरने व खाने पीने का इंतज़ाम मियां हुज़ूर की जानिब से दरगाह शरीफ़ पर ही होता है, ज़ायरीन की ठहराने के लिए दरगाह और आसपास के शादी हॉल, स्कूलों में व्यवस्था की गई है। 

बाहर से आने वाले वाहनों की पार्किंग के लिए ढाबे के पास मैदान में व्यवस्था की गई है।

उर्स में सुरक्षा व्यवस्था व शांतिपूर्ण कार्यक्रम कराने हेतु पुलिस प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। 

उर्स की व्यवस्था व देख-रेख में इंतिखाब अहमद सकलैनी, गौसी सकलैनी, मुर्तुजा सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, तौसीफ सकलैनी, फराज़ सकलैनी, फीरोज़ सकलैनी, शईब सकलैनी, हाफ़िज़ अयाज़, हाफिज कैस, ज़ाहिद सकलैनी, सलीम सकलैनी, इसहाक सकलैनी आदि अपनी जिम्मेदारी बखूबी अदा कर रहे हैं।

*नोट*  कल दिनांक 11 मई दिन बुधवार सुबह 11:00 बजे कुल शरीफ़ होगा और इसी के साथ उर्स का समापन होगा।

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