भजपा का खौफ़ दिखाकर मुसलमानों का वोट पाने वाले अखिलेश यादव ने मुसलमानों के साथ किया धोखा और यादवों को दिया भरपूर मौक़ा,

 बेताब समाचार एक्स्प्रेस के लिए मुस्तक़ीम मन्सूरी की रिपोर्ट, 

लखनऊ, समाजवाद के अलमबरदार जातिवाद, परिवारवाद के खिलाफ और सबके लिए समान अधिकार की बात करने वाले अखिलेश यादव पर यादव वाद के आरोप लगने लगे हैं, की विधानसभा चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं ने अखिलेश यादव की पार्टी सपा को एक तरफा वोट दिए,

परन्तु जब बात एम एल सी बनाने की आई तो अखिलेश यादव ने पूरी तरह यादव वाद अपनाते हुए जातिवाद का चश्मा पहनकर 35 में से 16 यादवों को प्रत्याशी बना दिया, अखिलेश यादव के यादव वाद पर बसपा ने कुछ इस तरह चुटकी लेते हुए कहा की मुस्लिम मतदाता अगर इसी तरह सपा को वोट देते रहेंगें, तो समाजवादी पार्टी इसी तरह यादवों को आगे बढ़ाती रहेगी, आपको बताते चले राजनीतिक जानकारो का मानना है, कि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओ ने अखिलेश यादव पर पूरा भरोसा किया और एक तरफा वोट सपा को दिए हैं, परन्तु अखिलेश यादव मुस्लिमो को प्रतिनिधित्व नहीं दे पा रहे हैं, यदि मुस्लिम मतदाता सपा से खिसक गया तो सपा की हालत भी बसपा की तरह ही हो जाएगी, जब भाजपा दावा करती है कि मुस्लिम महिलाओं ने हमें वोट दिया है, तो यह बात सुनकर अपने आप को सेक्युलर कहने वाली पार्टीयां भाजपा को घेरने लगतीं हैं, अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि सपा बसपा और कांग्रेस ने ही क्या मुस्लिम मतदाताओ का पेटेंट करा लिया है, आखिर भाजपा को वोट क्यों नहीं दे सकते हैं, जेवर विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं ने सपा आर एल डी गठबंधन को नकार कर भाजपा को ही वोट दिया, यह कहने की बात नहीं बल्कि ईवीएम खुलने के बाद सच सामने आया है, राजनीतिक जानकर यह भी कहते हैं कि मुसलमानों को केवल भजपा का डर दिखा कर सपा बसपा और कांग्रेस जैसे दल मुसलमानों का वोट बटोरते हैं, परन्तु जब उनके विकास और प्रतिनिधित्व की बात होती है, तो यह दल कोसों दूर नज़र आते हैं, यदि वाकई सपा, बसपा और कांग्रेस मुस्लिमो के सच्चे हितैषी बनना चहाते हैं, तो मुस्लिम समाज के उद्घार के लिए काम क्यों नहीं करते यह एक अत्यंत गंभीर सवाल है जिस पर मुसलमानों को चिंतन करना पड़ेगा,

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