रटौल गांव की सीमा में क्यों बदल गया था श्रवण कुमार का मस्तिक

बागपत जिले के  गांव रटौल (मेरठ की बागपत) तहसील के निकट स्थित गांव है रटोल जिसका संबंध भी अनुश्रुतियो के अनुसार रामायण काल से जुड़ा हुआ है। इस स्थान के बारे में प्रचलित है कि त्रेता में श्री राम के पिता दशरथ के द्वारा अनजाने में हत्या हो जाने से पूर्व श्रवण कुमार अपने वृद्ध और अंधे माता पिता को उनकी नेत्र ज्योति पुनः प्राप्त कराने के उद्देश्य से उन्हें तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर आता हुआ जब इस गांव में पहुंचा तो वह माता पिता के प्रति अब तक के अपने समर्पण भाव को व्यर्थ समझकर उनके प्रति उपेक्षा पूर्ण असामान्य व्यवहार जैसी बातें उच्चारित करने लगा था ।उसने यही पर अपने अंधे माता पिता से अपनी सेवा का मूल्य मांगा था और इस व्यवहार से उसके  वृद्ध और अंधे माता-पिता बड़े आश्चर्य में पड़ गए ।उन्होंने  श्रवण कुमार से कहा कि इस गांव की सीमा से बाहर पहुंचाने पर वे उसे उसकी सेवा का मूल्य चुकाएंगे ।किंतु उस सीमा से बाहर आने पर अकस्मात  ही श्रवण कुमार पुनः अपना पूर्व सामान्य व्यवहार करने लगा और उसकी बुद्धि पुनः पहले जैसी हो गई तथा उसने अपने असामान्य व्यवहार के प्रति चिंता व्यक्त की अपराध बोध वश अपने माता पिता के चरणों में गिरकर रोने लगा और क्षमा याचना करने लगा ।इस घटना को श्रवण कुमार का मतिभ्रम कहकर सुना और सुनाया जाता है।


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