आजादी के मतवाले मोहम्मद बख्श शेख निवासी दिल्ली मिलिट्री कमिश्नर के आदेश पर 18 नवंबर अट्ठारह सत्तावन को फांसी दी गई
आजादी के मतवाले
186 :- मोहम्मद बख्श शेख निवासी दिल्ली मिलिट्री कमिश्नर के आदेश पर 18 नवंबर 1857 को फांसी दी गई ।
187 :- मोहम्मद बख्श निवासी लाडो सराय 20 जनवरी 1858 को फांसी दी गई।
188 :- मोहम्मद बाक़ी (मौलाना ) निवासी दिल्ली ।सिया मुज्तहिद (विद्वान )उन्होंने छोटा बाजार कश्मीरी गेट में खजूर वाली मस्जिद की स्थापना की। उर्दू अखबार के संपादक थे जिसको उन्होंने 1836 में निकाला । 1857 के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जिहाद के नाम से एक पंपलेट छापा। जनता को अंग्रेज सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए उकसाया । जनरल हडसन ने उन्हें पकड़ा और गोली का निशाना बना दिया ।
189 :- मोहम्मद बख्श निवासी फरुखनगर गुड़गांव डिप्टी कमिश्नर के आदेश पर 24 नवंबर 1857 को फांसी दी गई।
190 :- नवाब मोहम्मद हसन खान नवाब पिता इर्तजा खान निवासी दिल्ली मुगल दरबार से पेंशन पाते थे। नवाब वजीर सुभान के खास भरोसे वाले लोगों में से थे हिंडन और बादली में मुग़ल फौज के सिपाहियों की कमांड की । नवाब झज्जर के इलाके में पकड़े गए 1857मे फांसी की सजा हुई ।
191:- मोहम्मद इब्राहिम निवासी गुड़गांव । डिप्टी कमिश्नर के आदेश पर 15 दिसंबर 1857 को फांसी दी गई ।
192 : मोहम्मद कबीर: गुडगांव । डिप्टी कमिश्नर दिल्ली के आदेश पर 15 दिसंबर 1857 को फांसी दी गई।
193 :- मोहम्मद खां पिता साबिर खां निवासी हुसैनपुर गुडगांव डिप्टी कमिश्नर दिल्ली के आदेश पर 2 जनवरी1857 को फांसी दी गई
194 :- मुहम्मद खान निवास लाल किला । बंदी बनाए गए और फिर मिलिट्री कमिश्नर के दिल्ली के आदेश पर 19 मार्च को फांसी दी गई ।
195 :- मोहम्मद खान पिता कादिर बख्शी हुसैनपुर गुडगांव अंग्रेजी फौज की नौकरी छोड़ दी और क्रांतिकारी आंदोलन में सम्मिलित हो गए । 31 दिसंबर 1857 को फांसी की सजा हुई।
प्रस्तुति : एस ए बेताब (संपादक बेताब समाचार एक्सप्रेस )हिंदी मासिक पत्रिका एवं यूट्यूब चैनल
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