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दुनिया में बढ़ रहा है लव जेहाद, बिल गेट्स की बेटी जेनिफर ने मुस्लिम नायेल नासर से किया विवाह।

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नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर/शांति मिशन न्यूज़ )  "*दो दौलतमंदों का हुआ है अब मिलन।  इसे भी तो कहो लव जिहाद का चलन।  कहीं चलती नहीं ऎसी घटिया सोच यारो ।  यहां के सिरफिरों में ही है अंधी जलन।" * माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक व अरबपति बिल गेट्स की सबसे बड़ी बेटी जेनिफर गेट्स ने मिस्र के रहने वाले अपने मंगेतर तीस वर्षीय मुस्लिम घुड़सवार नायेल नासर से शादी रचा ली है। इसके लिए एक प्राइवेट सेरेमनी रखी गई थी। और शादी की खुशी में एक रिसेप्शन पार्टी का आयोजन किया गया था।जबकि जेनिफर और नासर शुक्रवार को शादी के बंधन में बंधे। यह शादी काफी गोपनीय और व्यक्तिगत रखी गई। जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को थी।  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह शादी समारोह न्यूयॉर्क की नॉर्थ सलेम के एक गार्डन में किया गया जो 142 एकड़ में फैला हुआ है।इसमें लगभग 300 लोग शामिल हुए।  बता दें कि जेनिफर और नासर ने स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की है। दोनों ने एक ट्रिप के दौरान साल 2020 में अपनी सगाई का ऐलान किया था। जेनिफर ईसाई हैं जबकि नासर एक मुसलमान हैं लेकिन दोनों के इस प्रेम विवाह में धर्म की सीमा आड़े नहीं आई। किसी ने भी

रूसी व्यापारी अफनासी निकितिन की भारत यात्रा की 550वीं वर्षगांठ नई दिल्ली में मनाई गई

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 रूसी व्यापारी अफानसी निकितिन की भारत की ऐतिहासिक यात्रा की 550वीं वर्षगांठ को समर्पित डाक लिफाफे के विशेष आवरण का आधिकारिक विमोचन समारोह 11 अक्टूबर, 2021 को नई दिल्ली में रूसी सदन में हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन किसके द्वारा किया गया था?  कई रूसी और भारतीय सार्वजनिक संगठनों के साथ संयुक्त रूप से भारत में रोसोट्रुडनिचेस्टवो का प्रतिनिधित्व: भारत-रूस फाउंडेशन, रूसी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संघ (आरएआईसी), भारत के साथ रूसी मैत्री सोसायटी और रूसी ऐतिहासिक सोसायटी।  विशेष आवरण लिफाफा भारतीय डाक विभाग द्वारा 1000 प्रतियों के सीमित संस्करण में जारी किया गया था। महामारी के बावजूद, 70 से अधिक लोगों ने रूसी सदन में समारोह में भाग लिया: प्रमुख भारतीय सार्वजनिक और राजनीतिक हस्तियां, माल्टा के राजदूत और बेलारूस गणराज्य, विभिन्न सार्वजनिक संगठनों के प्रतिनिधि और मैत्री समाज और पत्रकार।  शाम के मुख्य अतिथि थे: भारत की संसद की विदेश मामलों की समिति के सदस्य श्री कन्ननथनम अल्फोंस, भारत के संसद सदस्यों के लिए वेतन और भत्ते पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष, सुश्री रीता बहुगुणा जोशी, पोस्ट मास्टर जनरल ऑपरेशन, डाक व

मानवाधिकार समूहों और अमेरिकी सरकार ने बांग्लादेश के एक शरणार्थी शिविर में एक प्रमुख रोहिंग्या नेता मोहिबुल्ला की गोली मारकर हत्या करने की पूरी जांच की मांग की

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  मानवाधिकार समूहों और अमेरिकी सरकार ने बांग्लादेश के एक शरणार्थी शिविर में एक प्रमुख रोहिंग्या नेता की गोली मारकर हत्या करने की पूरी जांच की मांग की है। कॉक्स बाजार में सशस्त्र पुलिस बटालियन के कमांडर नैमुल हक ने कहा कि मोहिबुल्लाह को कॉक्स बाजार जिले के उखिया में कुटुपलोंग शरणार्थी शिविर में बुधवार देर रात अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। अभी तक हत्या की किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है और यह स्पष्ट नहीं है कि हमले के पीछे कौन था। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका हत्या से दुखी है और रोहिंग्या अधिकारों के लिए एक बहादुर एवं निर्भीक हिमायती के रूप में मोहिबुल्लाह की प्रशंसा करता है। रोहिंग्या की वकालत जारी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा, 'हम इस जघन्य अपराध के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लक्ष्य के साथ उनकी मौत की पूर्ण और पारदर्शी जांच का आग्रह करते हैं। हम रोहिंग्या की वकालत करना जारी रखते हुए उनके काम का सम्मान करेंगे और उनके भविष्य के बारे में निर्णय लेने में समुदाय के सदस्यों की आवाज उठाएंगे।' मोहिबुल्लाह ने अंतरराष्ट्रीय बैठकों में मुस्लिम जातीय समूह का प्रति

मोदी सरकार, असम सरकार और प्रशासन के ख़िलाफ़ आक्रोश।

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दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर बंगाल - बिहार तक असम की घटना पर विरोधी प्रतिक्रियाएं, विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन पत्रों का क्रम जारी।  Report By : Anvar Ahmad Noor  नई दिल्ली असम में एक मुस्लिम बस्ती को उजाड़े जाने और इनके घरों को ध्वस्त करने के दौरान पुलिस की हिंसा और दरिंदगी के विरुद्ध देश भर से आक्रोश भरी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।। नई दिल्ली के जंतर-मंतर से लेकर बंगाल, बिहार और अन्य राज्यों में विभिन्न संगठनों तथा लोगों ने प्रदर्शन करके मोदी सरकार, असम सरकार और पुलिस प्रशासन के विरुद्घ नारेबाजी की। असम के मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा। हिंसा पीड़ितों और मरने वालों के परिवार जनों को उचित मुआवज़ा एवं पुनर्वास की मांग रखी। दोषी पुलिसकर्मियों और क्रूर फोटोग्राफर को कड़ी सज़ा देने को कहा है।  असम में हुई हिंसक कार्रवाई और बर्बरता के विरुद्ध देश भर के लोगों का गुस्सा उबल रहा है। कि असम सरकार मुस्लिम गरीबों की ज़मीन पर कब्ज़ा कर रही है जबकि यह केस कोर्ट में है लेकिन फिर भी पुलिस ज़मीन को खाली कराने पंहुच जाती है।और निहत्थे गरीब लोगों पर सामने से गोलिया चलाकर कई को मौत के घाट उतार देती है और फिर उस

सद्दाम हुसैन एक ऐसे नेता थे जिसने झुकना नहीं सीखा था।

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  सद्दाम हुसैन का जन्म 28 अप्रैल 1937 को   बगदाद   के उत्तर में स्थित तिकरित के पास अल-ओजा गांव में हुआ था। उनके मजदूर पिता उनके जन्म के पहले ही दिवंगत हो चुके थे। उनकी मां ने अपने देवर से शादी कर ली थी लेकिन बच्चे की परवरिश की खातिर उसे जल्द ही तीसरे व्यक्ति से शादी करनी पड़ी। उस दौर का तिकरित अपनी वीभत्सताओं के लिए कुख्यात था। इन परिस्थितियों ने सद्दाम को बचपन में ही भयानक रूप से शक्की और निर्दयी बना दिया। बच्चों के हाथों पिटने के भय से बाल सद्दाम हमेशा अपने पास एक लोहे की छड़ रखता था। और जब-तब इससे जानवरों की पिटाई किया करता था। किशोरावस्था में कदम रखते-रखते वह विद्रोही हो गया और ब्रिटिश नियंत्रित राजतंत्र को उखाड़ फेंकने के लिए चल रहे राष्ट्रवादी आंदोलन में कूद पड़ा। हालांकि पश्चिम के अखबार इस आंदोलन को गुंडे-बदमाशों की टोली ही कहते हैं। 1956 में वह Baat socialist party में शामिल हो गए। बाथ पार्टी अरब जगत में साम्यवादी विचारों की वाहक फौज थी। सद्दाम उसमें वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण नहीं, अपनी दीर्घकालिक रणनीति के तहत शामिल हुए। वर्ष 1958 में इराक में ब्रिटिश समर्थित सरकार के खिलाफ

एमडीएच समूह के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 साल की उम्र में निधन

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  दिल्ली, 03 दिसम्बर, मसाला बनाने वाली कंपनी एमडीएच समूह के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 वर्ष की उम्र में गुरुवार सुबह निधन हो गया। महाशय धर्मपाल गुलाटी पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य प्रमुख हस्तियों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। गुरुवार को ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को पाकिस्तान स्थित सियालकोट में हुआ था। उनका जीवन बहुत संघर्षमयी रहा। उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई के बाद स्कूल छोड़ दिया और पिता की मदद से व्यापार शुरू किया। उन्होंने पंद्रह साल की उम्र तक तांगा चलाने से लेकर साबुन बेचने तक लगभग 50 काम किए। देश के विभाजन के बाद वे दिल्ली आ गए और नये सिरे से अपनी जिन्दगी शुरू की। उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद मसाला बनाने वाली कंपनी एमडीएच का साम्राज्य खड़ा किया

जोसेफ आर बाइडेन बने अमेरिका के राष्ट्रपति,

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इंडो रशियन यंग स्कॉलर्स इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस 2020

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https://youtu.be/AFL5uxceeK4

वार्ड सचिव का स्वागत समारोह

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https://youtu.be/KXMYCMR0bkI

सऊदी अरब की आईटी कंपनी में कार्यरत केरल निवासी डोमिनिक साइमन कि सऊदी में गिरफ्तारी पर भारतीय दूतावास की चुप्पी क्यों ?

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21 वा शैक्षिक रूसी मेला 2020 आयोजित

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सोवियत संघ ने भारत को लगातार समर्थन दिया है

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