स्वास्थ्य विभाग बदायूं में ग़ैर हाजिर चल रहे डॉक्टर फुरकान अंसारी बिना ड्यूटी ज्वाइन किये बिना फिटनेस के कैसे कर सकते हैं पोस्टमार्टम?

रिपोर्ट- मुस्तकीम मंसूरी 

बदायूं/बरेली, डॉक्टर फुरकान अंसारी पूर्व सीएमओ डॉक्टर अब्दुल सलाम के दौर से सीएमओ डॉक्टर रामेश्वर मिश्रा के दौर में भी अपना रुतबा बरकरार रखने में कामयाब हैं यह प्रश्न बड़ा विचारणीय है। क्योंकि डॉक्टर फुरकान अंसारी जब बदायूं कारागार में ड्यूटी कर रहे थे उस दौरान लंबे समय तक जेल ड्यूटी से ग़ैर हाजिर रहने के कारण  जेल अधीक्षक को सीएमओ बदायूं को अवगत कराकर जिला कारागार में दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति के लिए पत्र लिखना पड़ा था,


जिला कारागार में सीएमओ बदायूं द्वारा डॉक्टर फुरकान अंसारी की जगह दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति करना पड़ी, और डॉक्टर फुरकान अंसारी की जेल से ग़ैर हज़ारी का मामला काफी लंबे समय तक मीडिया में चर्चा का विषय बना रहने के कारण सीएमओ बदायूं से लेकर एडी हेल्थ तक के कृपा पात्र बने डॉक्टर फुरकान अंसारी की कार्य सरकार में लापरवाही कम नहीं हुई। क्योंकि विभागीय सांठ-गांठ के चलते डॉक्टर फुरकान अंसारी लगातार बरेली के प्राइवेट अस्पतालों में अपनी सेवाएं उपलब्ध

कराते रहे और तनख्वाह स्वास्थ्य विभाग से लेते रहे। डॉक्टर फुरकान अंसारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई न होने के कारण या यह कहे की विभागीय सांठ-गांठ से क़ायम हुए रुतबे को बरकरार रखते हुए मार्च 2025 में 19 दिन तक अप्रैल,मई, जुन 2025 तक लगातार बिसौली सीएससी से ग़ैर हाज़िर चल रहे डॉक्टर फुरकान अंसारी ने सीएससी आसफपुर में बगैर रिलीव हुए बिना फिटनेस के ड्यूटी कैसे ज्वॉइन कर ली, इसका जवाब शायद सीएमओ बदायूं के पास भी ना हो। जबकि डॉक्टर फुरकान अंसारी को बिसौली सीएससी पर अपनी फिटनेस का प्रमाण देकर नियमानुसार जॉइनिंग लेना चाहिए थी। लेकिन डॉक्टर फुरकान अंसारी ने सीएससी आसफपुर में जॉइनिंग कैसे कर ली और सीएमओ बदायूं ने रिलीव आर्डर कैसे बना दिया यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है। जबकि कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूं द्वारा 29 मई 2025 को पत्रांक -मुचिअ/स्वा0/चि0अधि0/डॉ फुरकान/2025/761मे साफ कहा गया है कि पत्र संख्या 2025/4249 दिनांक 17 फरवरी 2025, पत्रांक 2025/173 दिनांक 16 अप्रैल 2025, पत्रांक 2025/273 दिनांक 24 अप्रैल 2025 प्रेषित किए गये, किसी भी पत्र का उत्तर प्रेषित नहीं किया गया। और आप पीएम रोस्टर के अनुसार ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए, आपको दूरभाष पर निर्देश देने के उपरांत आप द्वारा अवगत कराया गया कि आप बीमार है। यह कहीं से भी तार्किक तथ्य नहीं हैं। बल्कि शासन द्वारा कार्मिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण है, आपके दूरभाष पर दिए गए निर्देशों के उपरांत आप द्वारा पीएम ड्यूटी हेतु सहमति दी गई। यह स्थिति उचित नहीं है। पत्र का उत्तर ना देना, निर्धारित की गई ड्यूटी ना किये जाना उच्च अधिकारियों के निर्देशों की अवमानना है। तथा कर्मचारी आचरण नियमावली का स्पष्ट उल्लंघन है, अब सवाल यह उठता है की डॉक्टर फुरकान अंसारी 2 अप्रैल 2025 से 15  मई 2025 तक ग़ैर हाज़िर रहे परंतु 1 मई 2025 को 4 पीएम डॉक्टर फुरकान अंसारी ने कैसे किये, क्या सीएमओ बदायूं की अनुमति से किये या फिर सीएमओ बदायूं को गुमराह करके उनका कोई अधिनिस्त डॉक्टर फुरकान अंसारी की मदद कर रहा है। अब यहां सवाल यह उठता है की 2 अप्रैल 2025 से 15 मई 2025 तक ग़ैर हाजिर रहने वाले डॉक्टर फुरकान अंसारी की पीएम रोस्टर में 4  मई और 20 मई 2025 को पीएम ड्यूटी किस नियम के तहत और किसके आदेश पर लगाई गई। जबकि नियमानुसार सीएससी बिसौली से रिलीव हुए बिना और बिना फिटनेस के सीएससी आसफपुर में डॉक्टर फुरकान अंसारी ने जॉइनिंग कैसे ले ली यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।विभागीय सूत्रों की माने तो डॉक्टर फुरकान अंसारी के मामले की उच्च स्तरीय जांच होने पर इसकी गाज कई लोगों पर गिरेगी वहीं सीएमओ बदायूं ने भी इस बात को स्वीकार किया है की डॉक्टर फुरकान अंसारी के मामले में गलतियां हुई है अब देखना यह है कि डॉक्टर रामेश्वर मिश्रा सीएमओ बदायूं डॉक्टर फुरकान अंसारी के साथ किस-किस को बचाने का प्रयास करेंगे।

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