आशा वर्कर्स यूनियन की जिला अध्यक्ष शिव वती साहू के नेतृत्व में आशाओं की समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी बरेली द्वारा प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।

रिपोर्ट- मुस्तकीम मंसूरी 

बरेली, पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार दामोदर पार्क बरेली में एकत्र होकर कलेक्ट्रेट पहुंची आशाओं ने उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला अध्यक्ष शिव वती साहू के नेतृत्व में आशा वर्कर्स से योगदान के सापेक्ष में प्रोत्साहन राशियों के भुगतान अन्य समस्याओं के संदर्भ में एक ज्ञापन जिलाधिकारी बरेली के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया। आशा


वर्कर्स ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि दो दशक से अपनी शानदार सेवाओं के साथ लोक कल्याणकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियानों में भूमिका निभा रही है। किंतु उनके कार्य दशा बेहद दुखद और अपमानजनक है। वर्ष 2013 के 45 वें और वर्ष 2015 के 45 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश को लागू कर उनकी सबसे स्वास्थ्य सेवाओं के बदले बेहतर

जीवन देने की शुरुआत की जा सकती थी। किंतु केंद्र व राज्य सरकार ने उन सिफारिश को लागू कर कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन, ईपीएफ,

ईएसआई, और ग्रेजुएट की सुविधा देने के बजाय उनके किए कार्यों की ही प्रोत्साहन राशियों के भुगतान नहीं कर रही है। असीमित काम का बोझ उनके कंधों पर है, किंतु वह अभी भी 2000 रुपए की बेहद शर्मनाक राशि में बंधुआ मजदूर की तरह कार्य करने के लिए विवश हैं। वर्षों से कई प्रोत्साहन राशियों के भुगतान और कई तरह के कार्यों का प्रतिफल निर्धारित कर उनका भुगतान करने सहित आपका ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। की 2 फरवरी 2024 को उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधि मंडल के साथ वार्ता में जुलाई 2019 से 31 दिसंबर 2021 तक की राज सरकार द्वारा प्रदत 750 रुपए मासिक की प्रोत्साहन राशि का संपूर्ण भाग, आयुष्मान कार्ड,


आयुष्मान गोल्डन कार्ड, बनाने या उसमें योगदान करने तथा आभा आईडी बनाने, रूबैला खसरा, खसरा सर्वे सहित अन्य दर्जनों अभियानों को सफलता पूर्वक पूरा करने की प्रोत्साहन राशि के भुगतान का विश्वास दिलाया गया था। साथ ही बिना प्रोत्साहन राशि वाले किसी काम को ना लिए जाने का भी आश्वासन दिया गया था। कम पर आते जाते दुर्घटनाओं में मंडल काउंसिल होने वाली या बोल दिया हीट स्ट्रोक से जान गवाने वाली आशा कर्मियों के आश्रितों को किसी तरह का कोई भुगतान नहीं मिलता और ना ही उनके इलाज की कोई योजना है। प्रदेश भर में आशा कर्मियों को मिलने वाली राशियों के

संबंध में वर्ष 2021 में विधानसभा के पटल में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उनकी 6750 रुपए के मासिक भुगतान का भुगतान कभी नहीं हुआ या यह कहा जाये की प्रदेश में 

001% आशा कर्मियों को कभी भी यह राशि नहीं मिल सकी और इसी तरह संगिनी को भुगतान राशि 11,5 00

रुपए कभी नहीं मिली। 

टीबी सैंपलिंग अभियान 

एच डब्ल्यू , सीपीएम वाई, ट्रिपल ए, दस्तक और सम समसामयिक अन्य अभियानों की प्रोत्साहन राशियों का भुगतान कभी नहीं किया गया। आभा ईद के मर्जन में प्रति आभा 

10 रुपए के भुगतान का आदेश जारी किया गया है। उक्त कार्यालय 714/आदेश में प्रीति आशा/संगिनी द्वारा बनाई गई कल आभा आईडी के मानदेय भुगतान करने के संदर्भ में स्पष्ट नहीं है। ग़ौर तलब है कि जनवरी 2023 से निरंतर योगदान लिया जा रहा है। वही एक बात बहुत महत्वपूर्ण है कि वर्षाे पूर्व निर्धारित विभिन्न कार्यों की प्रोत्साहन राशियों का पुननिरीक्षण कर उनका पुनः निर्धारण किया जाना चाहिए, किंतु इस संबंध में भी कोई सरकार की मंशा नहीं प्रतीत होती है। किंतु उक्त प्रश्नों के समाधान के लिए आज ट्रेड यूनियन महासंघ, ऑल इंडिया स्कीम वर्क्स फेडरेशन की हड़ताल के 7 एक जूता व्यक्त करते हुए इसलिए आपकी सेवा में यह ज्ञापन प्रस्तुत प्रस्तुत कर अपेक्षा करते हैं की भुगतान सहित निम्न समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी देवी, मंडल अध्यक्ष मंजू पटेल, जिला अध्यक्ष शिव वती साहू, जिला उपाध्यक्ष सुनीता गंगवार, मंडल सचिव जय श्री गंगवार, मंडल उपाध्यक्ष चंपा गंगवार, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष अनीता गोस्वामी, मुन्नी देवी, आशा देवी, मोहरा देवी, विमला देवी, कमला देवी, आदि आशाएं उपस्थित रही।

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