डॉक्टर फुरकान अंसारी की पीएम रोस्टर में 1 मई और 4 मई 2025 को ग़ैर हाज़िर होने के बाद भी सीएमओ बदायूं ने किस नियम के तहत लगाई पीएम ड्यूटी?
बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट,
बदायूं/बरेली, हमेशा ड्यूटी से ग़ैर हाज़िर रहने के विवादों में घिरे रहने वाले डॉक्टर फुरकान अंसारी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अपने एक रिश्तेदार अधिकारी जो योगी सरकार में भी सपा सरकार की तरह अपना रुतबा बरकरार रखे हुए हैं उनकी छत्रछाया में डॉक्टर फुरकान अंसारी
सीएमओ बदायूं से लेकर एडी हेल्थ तक के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मार्च 2025 में 19 दिन अप्रैल 2025, मई 2025, जून 2025 में सीएससी बिसौली से लगातार ग़ैर हाज़िर होने के बाद भी विभागीय नियमों के विपरीत सीएससी आसफपुर में ज्वाइन कर लेता है, जबकि नियमानुसार सीएमओ बदायूं को डॉक्टर फुरकान अंसारी के फिटनेस प्रमाण पत्र के आधार पर सीएससी बिसौली अधीक्षक को पत्र लिखकर रिलीव करने के आदेश देना चाहिए थे, इस संबंध में सीएमओ बदायूं से जब संपर्क कर जानकारी की तब उन्होंने कहा कि डॉक्टर फुरकान अंसारी के मामले में गलतियां हुई है। मामले की जांच करवा रहे हैं, अब सवाल यहां यह उठता है कि लगातार ग़ैर हाज़िर रहने के बाद भी डॉक्टर फुरकान अंसारी अपनी तनख्वाह कैसे निकल रहा है?
वही सीएससी बिसौली अधीक्षक पत्राचार के माध्यम से सीएमओ बदायूं को डॉक्टर फुरकान अंसारी के ग़ैर हाज़िर रहने की सूचना देते रहे हैं। जबकि 25 मई 2025 को पत्रांक संख्या 761 के द्वारा डॉक्टर फुरकान अंसारी से सीएमओ बदायूं ने उनके लगातार ग़ैर हाज़िर रहने पर स्पष्टीकरण मांगा था।इसके बावजूद पीएम रोस्टर में डॉक्टर फुरकान अंसारी की ड्यूटी लगाना सीएमओ बदायूं को शक के दायरे में खड़ा करता है। वही ड्यूटी से ग़ैर हाज़िर डॉक्टर फुरकान अंसारी 1 मई और 4 मई 2025 को पोस्टमार्टम हाउस के रजिस्टर में अपनी उपस्थिति कैसे दर्ज कर लेते हैं यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है। वही डॉक्टर फुरकान अंसारी का प्रकरण काफी लंबे समय से सीएमओ बदायूं और एडी हेल्थ तक सीमित है। सूत्रों की माने तो डॉक्टर फुरकान अंसारी के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत रिश्तेदार के संबंध एडी हेल्थ से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक बेहतर बताए जाते हैं। यही कारण है की डॉक्टर फुरकान अंसारी का मामला शासन तक नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि डॉक्टर फुरकान अंसारी के मामले में विभागीय लोगों ने डॉक्टर फुरकान अंसारी की मदद करने के चक्कर में सीएमओ को भी चक्कर में डाल दिया है। अगर शासन स्तर से जांच बैठती है तो डॉक्टर फुरकान अंसारी की मदद करने वालों पर तो गाज गिरेगी ही परंतु सीएमओ बदायूं को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
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