मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली के निर्देशों को उप मुख्य अधिकारी (नोडल अधिकारी) किस तरह हवा में उड़ा रहे हैं,

 रिपोर्ट - मुस्तकीम मंसूरी 

 बिना डिग्री डिप्लोमा बिना बैध प्रमाण पत्रों के क्या स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में झोला छाप का चल रहा है क्लीनिक ? आखिर कौन है इसका जिम्मेदार।

बरेली, स्वास्थ्य विभाग में झोलाछाप कितना असरदार है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि शिव धाम कॉलोनी उमरसिया थाना कैंट निवासी मनोज कुमार सागर की पुत्री सोनम सागर की मौत 25 मई 2024 को झोलाछाप डॉक्टर अमरपाल उर्फ बाबू जो नेकपुर ललिता देवी मंदिर के


पास थाना सुभाष नगर में स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में क्लीनिक चला रहा है, जिसके पास ना कोई बैध प्रमाण पत्र है, और नाही डिप्लोमा, परंतु अगर उसके पास कुछ है तो स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण जिसके बल पर अमरपाल उर्फ बाबू जिसके हाथों सोनम सागर कि गलत इलाज के कारण मौत हो चुकी है, इससे पूर्व भी उक्त झोलाछाप द्वारा एक मरीज की मृत्यु हो चुकी है। मृतक सोनम सागर के परिजनों ने सोनम सागर की मृत्यु के बाद न्याय पाने के लिए सीएमओ बरेली के यहां प्रार्थना पत्र देकर डॉक्टर अमरपाल उर्फ बाबू  पर कार्रवाई कर क्लीनिक

सील करने की मांग की थी। परंतु स्वास्थ्य विभाग में बैठे लोगों का संरक्षण प्राप्त होने के कारण एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने पर भी झोलाछाप डॉक्टर अमरपाल उर्फ बाबू को धन बल के आधार पर स्वास्थ्य विभाग बचा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से हताश और निराश होकर मनोज कुमार सागर एक बार फिर मीडिया के माध्यम से झोलाछाप डॉक्टर अमरपाल उर्फ बाबू के खिलाफ कार्रवाई कर न्याय की गुहार लगाने वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली के दरबार में उपस्थित हुआ, मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली ने तत्काल संज्ञान लेते हुए, सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ राकेश कुमार नोडल अधिकारी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिये, परंतु कार्रवाई के नाम पर नोडल अधिकारी तीन माह बीत जाने के बाद भी झोलाछाप अमरपाल उर्फ बाबू पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाये, अब सवाल यह होता है की मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली द्वारा झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देशों को किस तरह डिप्टी सीएमओ हवा में उड़ते हुए झोलाछाप को बचा रहे हैं आखिर क्यों? यह प्रश्न विचारणीय है। इस संबंध में पीड़ित मनोज कुमार सागर का कहना है अगर स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप को यूं ही संरक्षण देता रहा तो मुझे मजबूर होकर सोनम की मौत के मामले में न्याय के लिए मुख्यमंत्री के जनता दरबार में प्रस्तुत होना पड़ेगा मुझे आशा है की मुख्यमंत्री के आदेशों पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डिप्टी सीएमओ नोडल अधिकारी से मामले की जांच हटाकर किसी अन्य अधिकारी से जांच करा कर झोलाछाप डॉक्टर अमरपाल उर्फ बाबू पर पर कार्यवाही करके मेरे साथ न्याय करेंगे।

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