बरेली सीएमओ सहित 51 जिलों के सीएमओ को कारण बताओं नोटिस, स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही पर आईएएस पिंकी जोवल की बड़ी कार्रवाई।
रिपोर्ट - मुस्तकीम मंसूरी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के पारस्परिक स्थानांतरण में निष्क्रियता बरतने पर मिशन निदेशक डॉक्टर पिंकी जोवल ने बरेली सहित उत्तर प्रदेश के 51 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO)
को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
NHM निदेशक ने लिया संज्ञान, CMO पर लापरवाही के आरोप।
डॉक्टर पिंकी जोवल ने स्पष्ट निर्देश दिए थे की संविदा कर्मियों के स्थानांतरण व पुनर्नियुक्त मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाए। लेकिन बार-बार आदेश देने के बावजूद सीएमओ द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिसे राजकीय कर्तव्यों में उदासीनता माना गया है।
किन जिलों के CMO को नोटिस मिला?
नोटिस पाने वाले जिलों में लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, आजमगढ़, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बलिया, बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, सहित कल 51 जिले शामिल हैं। यह नोटिस NHM के उच्च स्तरीय अनुशासन और पारदर्शिता को दर्शाता है।
एक कर्तव्यनिष्ठ और सख्त अधिकारी हैं, डॉक्टर पिंकी जोवल।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉक्टर पिंकी जोवल को उनकी सख्त कार्य शैली और तेज निर्णय क्षमता के लिए जाना जाता है। वे पहले कई जिलों की (DM) जिलाधिकारी रह चुकी है और उन्हें अक्सर "Iron Lady of UP
Administration" कहा जाता है। उनके नेतृत्व में कई जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी सुधार हुए हैं।
डॉक्टर संतोष गुप्ता CMO लखीमपुर खीरी विशेष निशाने पर हैं।
लखीमपुर खीरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संतोष गुप्ता की कार्य शैली पर ख़ासतौर से सवाल उठाए जा रहे हैं। उन पर आरोप है कि जिले की स्वास्थ व्यवस्था वेंटीलेटर पर है, और अधिकारी विभागीय शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं देते। उनकी निष्क्रियता सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय रही है।
रष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा उठाया गया यह कदम उत्तर प्रदेश की
स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक गंभीर प्रयास है। यदि संबंधित सीएमओ समय पर संतोषजनक उत्तर नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ आगे की विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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