डोॅ. राम मनोहर लोहिया-आवार्य नरेन्द्र देव पदयात्रा का उद्देश्य संविधान का संरक्षण

सेशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) द्वारा 3 से 5 अक्टूबर, 2023 डॉ. राम मनोहर लोहिया के जन्म स्थान अकबरपुर से आचार्य नरेन्द्र देव की कार्यस्थली अयोध्या (फैजाबाद) तक पदयात्रा का आयोजन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि आज देश में एक राजनीतिक एवं सांविधानिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है।


जब से निजीकरण-उदारीकरण-वैश्वीकरण की आर्थिक नीतियां लागू की गई हैं तबसे देश की संप्रभुता समाप्त हो गई है क्योंकि अब हम अपनी आर्थिक नीतियां अंतराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के कहने पर बनाते हैं। नही ंतो यह कैसे हो रहा है कि लगातार गरीब-अमीर की खाई चौड़ी होती जा रही है? पूंजीवादी नीतियों को अपनाने के कारण हम समाजवादी भी नहीं रह गए। खासकर जब से भाजपा का शासन आया है इस देश-समाज में धार्मिक भेदभाव बढ़ गया है। हम धर्मनिर्पेक्ष भी नहीं रहे। हमारे तंत्र को चलाने वाले दलों में चूंकि लोकतंत्र नहीं है तो उनसे अपेक्षा करना भी बेमानी है कि वे जब सत्ता में आएंगे तो देश या प्रदेश को लोकतांत्रिक ढंग से चलाएंगे। हमारी राष्ट्रपति नाम की देश की मुखिया रह गई हैं। उन्हें नई संसद के उद्घाटन तक में नहीं बुलाया गया। तो हम गणतंत्र भी नहीं रहे।


असके अलावा देश के नागरिकों को स्वतंत्रता, न्याय, बराबरी एवं बंधुत्व का जो सांविधानिक वायदा किया गया था वह भी धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। यदि हम सिर्फ एक उदाहरण लें तो क्या हम कह सकते हैं कि जो महिला पहलवान भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह द्वारा यौन शोषण किए जाने के खिलाफ ल़ड़ रही हैं उन्हें स्वतंत्रता, न्याय, बराबरी या बंधुत्व का एहसास हुआ होगा?

ऐसे समय में जब पूरा संविधान ही खतरे में पड़ गया है सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) समझती है कि देश को पुनः डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के रास्ते पर लाना चाहिए। अन्यथा आम इंसान को प्राप्त अधिकारों का हरण पूरी तरह से हो जाएगा जिसकी हमें कई झलक दिखने लगी हैं जिसमें से महिला पहलवानों का उदाहरण एक है।डॉ. राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेन्द्र देव, जय प्रकाश नारायण द्वारा स्थापित पार्टी ने इतिहास में देश को संविधान के रास्ते पर चलने में एक महत्वपूर्ण भमिका निभाई है, चाहे वह डॉ. लोहिया द्वारा केरल में अपनी ही सरकार द्वारा गोली चालन पर सवाल खड़ा करना हो अथवा जय प्रकाश नारायण द्वारा आपातकाल के खिलाफ संघर्ष कर देश में लोकतंत्र को पुनः बहाल कराना हो।

आज जबकि राजनीति में मूल्यों का लोप हो गया है सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) सांविधानिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने में अपनी ऐतिहासिक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अकबरपुर-अयोध्या (फैजाबाद) की पदयात्रा इस कड़ी में पहली यात्रा है।


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