*इस्लाम मजहब शांति प्रिय भाईचारा सौहार्द मानवता समानता न्याय और अधिकारिता स्वतंत्रता पर आधारित समाज है -गादरे*
मेरठ-इस्लाम मजहब शांति प्रिय भाईचारा सौहार्द मानवता समानता न्याय और इंसानियत हक हकूक एवं स्वतंत्रता पर आधारित समाज और राष्ट्र का निर्माण करने वाला मार्ग दर्शक है
भारतीय पसमांदा मुस्लिम महासभा के प्रदेश प्रभारी अध्यक्ष राज़ुद्दीन गादरे ने कहा किइस्लाम मजहब शांति प्रिय भाईचारा सौहार्द मानवता समानता न्याय और अधिकारिता स्वतंत्रता पर आधारित समाज है। शांतिप्रिय लोग आनंद का जीवन जीते हैं। उन पर हार या जीत का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
व्यक्ति खुद ही अपना सबसे बड़ा रक्षक है। और कौन उसकी रक्षा कर सकता है? अगर आपका खुद पर पूरा नियंत्रण है, तो आपको वह क्षमता हासिल होगी, जिसे बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।आज कुछ षड्यंत्रकारियों ने सत्ता प्राप्ति के लिए धर्मवाद पाखंडवाद सामंतवादी व्यवस्था करने के लिए देश और दुनिया में ऊंच-नीच कायम करने का षड्यंत्र रच रहें हैं। आज फिलिस्तीन के मूल निवासियों को आतंकवादी बताने कहने के षड्यंत्र पनपता रहे हैं ऐसे ही हमारे भारत देश में जो खुद विदेशी षड्यंत्रकारी है ऊंच-नीच कायम करने वाले हैं मूल निवासी मुस्लिम बौद्ध सिख ईसाई जैन लिंगायत आदि समाज के नागरिकों को बहला फुसलाकर हिंदू-हिंदुत्व का खेल रचकर सत्ता पर काबिज हैं। नफरत को नफरत से नहीं मिटाया जा सकता, नफरत को केवल प्यार ही मिटा सकता है।
इसलिए संविधान दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों से अपील करता हूं कि समता समानता न्याय बंधुता और स्वतंत्रता पर आधारित समाज और राष्ट्र का निर्माण करने में मूल निवासी बौद्ध मुस्लिम सिख ईसाई जैन लिंगायत आदि समुदाय के मानव हो मानवता को ही अपनायें विश्व रत्न सिम्बोल आफ नोलेज डा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर जी की कुर्बानियां और महापुरुषों के बलिदान को सैल्यूट करते हुए सर सैयद अहमद ने भी शिक्षा जगत के लिए जीवन हम लोगों को कामयाब करने के लिए सब कुर्बान कर दिया इसलिए अपने बच्चों के हाथों में किताबें जरूर दें चाहे हमारे पैर में चप्पल न हो।
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