अखिलेश यादव 2004 का इतिहास 2024 में दोहराने की तैयारीयों पर कर रहे हैं जबर्दस्त होमवर्क,

रिपोर्ट-मुस्तकीम मंसूरी

मुलायम सिंह के नेतृत्व में सपा 2004 में यूपी की सबसे ज्यादा 35 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है।

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की 50 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मिशन 2024 की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की एक दर्जन से अधिक सीटों पर जल्द ही उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इसके संकेत भी दिए हैं। अखिलेश यादव का कहना है कि हमने भाजपा के बड़े नेताओं को हराने का


प्लान बना लिया है। जिसके तहत हम वीआईपी सीटों पर जल्द ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देंगे। क्योंकि समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 50 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने लोकसभा की 50 सीटों को जीतने का लक्ष्य यूं ही निर्धारित नहीं किया है, बल्कि अखिलेश यादव जबरदस्त तरीके से अपने निर्धारित 50 सीटों के लक्ष्य पर गहनता से होमवर्क भी कर रहे हैं। आपको बताते चलें सपा को 2004 में यूपी की सबसे ज्यादा 35 लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी, उस वक्त उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में पार्टी की सरकार थी। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी को 2019 में सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली थी। परंतु इस बार परिस्थितियों बदली हुई है। और सपा इस बार इंडिया गठबंधन में शामिल है, और पार्टी को पिछले चुनाव की तुलना में इस बार बेहतर करने की उम्मीद है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी हाई कमान ने लोकसभा की 10 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए हैं, जबकि 20 सीटों पर नाम को लेकर जबरदस्त तरीके से मंथन चल रहा है, इन 20 सीटों के लिए दो-दो उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की है,

जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए गए हैं उनमें कुछ सीटें ऐसी भी है, जहां पर सपा पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है, सपा इस बार उन लोकसभा सीटों को जीतने के लिए कुछ विधायकों को भी मैदान में उतरने की तैयारी में है। वही टाइम्स आफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि शिवपाल और आज़म खांन को लेकर पार्टी हाई कमान ने कोई फैसला नहीं लिया है की 2024 में शिवपाल चुनाव लड़ेंगे या उनका बेटा यह फैसला शिवपाल को ही लेना है। वही आज़म खांन चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस पर कानूनी जानकारों से पार्टी राय ले रही है, अखबार के मुताबिक रामपुर और उसके आसपास की एक सीट पर आज़म खांन की सिफारिश को सपा तरजीह देगी।

अखिलेश यादव की रणनीति के अनुसार सपा ने यूपी की वीआईपी सीटों को दो कैटेगरी में रखा है, पहले कैटेगरी में उन सीटों को रखा है, जहां पर सपा का दबदबा ठीक-ठाक है, वहीं दूसरे कैटेगरी में ऐसी सीटों को रखा है जहां उसकी स्थिति स्थापना के बाद से ठीक नहीं है। वही रिपोर्ट्स के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने इस बार 19 ऐसी सीटों का भी चयन किया है, जहां स्थापना के बाद से ही पार्टी नहीं जीत पाई है। जिसमें गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, नोएडा, आगरा, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कानपुर, बरेली, पीलीभीत, धोरहरा, गोंडा, बस्ती, वाराणसी, सुल्तानपुर, और लखनऊ प्रमुख रूप से शामिल हैं, सपा सूत्रों का कहना है कि दूसरे कैटेगरी की सीटों पर सपा दावा नहीं करेगी, सपा वाराणसी कानपुर और नोएडा कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है, जबकि बागपत मथुरा गाजियाबाद जयंत चौधरी के हिस्से में देने की तैयारी है। सपा सूत्रों के अनुसार पहली लिस्ट में जिन सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे उनमें लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, बलिया, बरेली, इटावा, पीलीभीत, मोहनलालगंज, कौशांबी, फैजाबाद, चंदौली, यह वह लोकसभा की सीटें हैं, जहां पर सपा के विधायक तो जीतें हैं, परंतु यहां से सपा सांसद नहीं बना पाई, इस बार सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इन लोकसभा क्षेत्र पर गहन अध्ययन के बाद जीत की ठोस रणनीति बना रहे हैं। जिन सीटों पर उम्मीदवार लगभग तय है, नाम आना बाकी है, उनमें फिरोजाबाद, मैनपुरी, मुरादाबाद, कन्नौज, आजमगढ़, वही कन्नौज या आजमगढ़ से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की चर्चा है, अखिलेश यादव खुद भी लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे या आजमगढ़ से इसकी घोषणा अब तक नहीं की है। अगर अखिलेश यादव की यह रणनीति सफल होती है, तब तो अखिलेश यादव का वह दावा सही साबित होगा, कि भाजपा यूपी से केंद्र में आई थी, और अब यूपी से ही केंद्र से जाएगी।

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