इस साल भी प्रशासन द्वारा जुलूस ए मोहम्मदी निकालने की अनुमति नहीं दी गई, मददे की पुलिया पर जलसा हुआ!*

 बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए पीलीभीत से शाहिद खान की रिपोर्ट


लब्बैक या रसूलुल्लाह, सरकार की आमद मरहबा, मदनी की आमद मरहबा, मक्की की आमद मरहबा, के नारों से गूँजा शहर* हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मौलाना मुफ्ती हसन मियां क़दीरी साहब द्वारा पीलीभीत प्रशासन से पैगंबरे इस्लाम हुज़ूर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के जन्मदिन 12शरीफ के मुबारक मौके पर जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी,


लेकिन इस वर्ष भी पीलीभीत प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण शहर के आधे से ज्यादा आबादी वाला मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र पैगंबरे इस्लाम हुजूर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के जन्मदिन के मुबारक मौके पर निकलने वाले जुलूस की रौनको से वंचित रह गया, खानक़ाहे उस्मानिया क़दीरिया मोहल्ला शेर मोहम्मद पीलीभीत से मुफ्ती मोहम्मद हसन मियां क़दीरी साहब अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ दरगाह अल्लाह हू मियां निकट क़दीरी चौक मद्दे की पुलिया पर पहुंचेl


हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ईद मिलादुन्नबी सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम के मुबारक मौके पर एक अजीमुश्शान जलसे का आयोजन किया जहाँ सैकड़ो की संख्या में शहर वासियों ने हिस्सा लिया जलसे का आगाज़ कुरान की आयत के बाद बड़ी धूमधाम से किया गया आगाज़,


 जलसे में मौजूद सैकड़ो लोगों को हुज़ूर के नाम पर झूमने के लिए मजबूर कर दिया, इस सुहाने मंजर के बाद हजरत अल्लामा मौलाना मुफ्ती कारी मोहम्मद हसन मियां क़दीरी साहब ने अपने शेर में फ़रमाया कि *"दिलों के गुल महक रहे हैँ, ये कैफ आज क्यों आरहे है, ऐसा महसूस हो रहा है, सरकार तशरीफ़ ला रहे हैँ "* अपने दूसरे शेर में कुछ इस तरह अपनी मुहब्बत का इज़हार किया कि *" कहीं पे रौनक है मयकशों की, कहीं पे महफिल है दिलबरों की, हम कितने खुशवात है, कि अपने नबी की महफिल सजा रहे हैँ"* मुफ्ती हसन मियां क़दीरी साहब ने पैगंबरे इस्लाम हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की जीवन शैली आपकी सादगी और दुनिया में मोहब्बत का पैगाम पहुंचाना दुनिया से नफरत कैसे मिटाई जा सकती है l हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने दुनिया में मोहब्बत का पैगाम किस तरह से दिया हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने अपने अखलाक से पूरी दुनिया में इस्लाम किस तरह फैलाया, पैगम्बरे इस्लाम हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की जिंदगी कैसी थी, और पैगंबरे इस्लाम हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने ज़ुल्म को ख़त्म कियाअपने अख़लाक़ से अपने दुश्मनों को अपना बना लिया , मुफ्ती हसन मियां क़दीरी साहब ने हदीस पाक पेश करते हुए फरमाया पैगंबरे इस्लाम हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम फरमाते हैं कि अपने मुल्क से वफादारी करना ईमान का मजबूत हिस्सा है इसलिए जिस देश में जिस मुल्क में रहो मुल्क के साथ मरते दम तक वफादारी करो आपने अपनी तकरीर के दौरान फरमाया कि अगर किसी का पड़ोसी भूखा सो जाता है और वह खुद भरपेट खाना खाता है हुज़ूर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम फरमाते हैं कि वह हरगिज मुसलमान नहीं हो सकता मुफ्ती हसन मियां कादरी साहब ने अपनी तकरीर के बाद मुल्क में शांति मोहब्बत और मुल्क की तरक्की के लिए दुआ फरमाई और पीलीभीत प्रशासन को जलसे को सुकून से करने के लिए बधाई दी और बाद में खानकाहे उस्मानिया कदीरिया मोहल्ला शेर मोहम्मद पर हजारों लोगों को हुजूर सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की पैदाइश के मुबारक मौके पर लंगर खिलाया गया l

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