बरेली में दंगा रोकने वाले आईपीएस अफसर प्रभाकर चौधरी का तबादला

 आईपीएस की नौकरी में पिछले 13 वर्षों के कार्यकाल में प्रभाकर चौधरी का आज 21वाँ ट्रांसफर हुआ. मेरठ में सिर्फ 1 साल का लंबा कार्यकाल पूरा किये. बाकी 6 से 7 माह अधिकतम. उनकी ख़ासियत यह है कि वो गलत काम बर्दाश्त नहीं करते और दबाव में आए बिना कार्यवाही करते हैं. आज बरेली में हुए घटनाक्रम के बाद उनका एक बार फिर ट्रांसफर कर दिया गया. जानिए बरेली में हुआ क्या…

राजेश साहू-


आज बरेली में तय रूट से अलग रास्ते से जाने को लेकर कांवड़ियों ने हंगामा किया तो एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने लाठी चार्ज करा के उन्हें नियंत्रित किया। एसएसपी ने बताया कि कुछ कांवड़िए नशे में थे, उनके पास कट्टा भी था।इतना कहने के बाद एसएसपी प्रभाकर घर भी नहीं पहुंचे होंगे कि उनका ट्रांसफर कर दिया गया। पिछले 10 साल में उनका 21 बार ट्रांसफर हो चुका है। प्रभाकर की खासियत यह है कि वह नेताओं के दबाव में नहीं आते हैं। क़ानून व्यवस्था के लिए जो सही लगता है वही फैसला लेते हैं।

ममता त्रिपाठी-

बरेली शहर को दंगे की आग में झुलसने से बचाने में झुलसे IPS प्रभाकर चौधरी के हाथ, ज़िले से PAC भेजे गए। इतना ईमानदार होना भी ठीक नहीं है! कुछ अफ़सरों में ही घूमा फिरा कर प्रदेश चला रहे हैं। बाक़ी अफ़सर दिखते ही नहीं साहब लोगों को…2010 बैच के अफसर जनवरी में DIG बन जाएँगे उन्हें मौक़ा देने के बजाय 2014-2016 बैच पर कृपा ज़्यादा बरस रही है।आसान नहीं है प्रभाकर चौधरी बनना… बाक़ी अफ़सर इसी ट्रांसफ़र पोस्टिंग के डर से “ग़लत” का साथ देते रहते हैं और संविधान की शपथ लेने के बाद भी अनैतिक का साथ देते हैं।

सच लिखो-दिखाओ तो पत्रकारों को नोटिस भिजवाते हैं, सोशल मीडिया पर shadow ban कराते हैं और अफ़सर को सम्बद्ध कर देते हैं। कितने डरपोक और असुरक्षित क़िस्म के लोग तंत्र को चला रहे हैं…

पुनीत कुमार सिंह-

बरेली में हुए कावड़ियों पर पुलिस लाठीचार्ज पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी का बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि कावड़ियों में कुछ लोग नशे में थे। उनके पास अवैध असलहे थे। ये बयान आते ही प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर कर दिया गया।

कानून व्यवस्था बनाने की बात करने वाले मुख्यमंत्री जी, जिस कप्तान ने दंगे होने से बचाया उसी पर एक्शन ले लिया जा रहा है. ये कहाँ का न्याय है? प्रभाकर चौधरी का यह 21वां तबादला है और अब उन्हें लखनऊ PAC में भेजा गया है!


रणविजय सिंह-

यूपी के बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज हुआ. रूट का विवाद था. SSP प्रभाकर चौधरी ने कहा- ये जुलूस गैर परम्परागत था. आगे दूसरे वर्ग की आबादी थी. आशंका है कि कुछ लोग दारू पीए थे. लोगों के पास अवैध हथियार भी थे. जब जबरदस्ती जुलूस ले जाने की कोशिश की तो हल्का बल प्रयोग किया गया.

बरेली के SSP प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर खबर नहीं है. ये तो होना ही था. खबर तब होती अगर प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर न होता.


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