देश के प्रधानमंत्री का पद सभी विपक्षी नेताओं को चाहिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलने को कोई तैयार नहीं, आखिर क्यों? मुस्तकीम मंसूरी

 

लखनऊ, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव उत्तराखंड प्रभारी मुस्तकीम मंसूरी ने कहा कि आज के मौजूदा हालात में विपक्षी दलों की समस्या है, उनका हर नेता प्रधानमंत्री बनना चाहता है| मगर देश के प्रधानमंत्री से ना तो सवाल पूछता है, ना प्रधानमंत्री पर लगने वाले आरोपों पर बोलता है| यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है| जिस पर देश की जनता को गंभीरतापूर्वक विचार करना होगा|


मुस्तकीम मंसूरी ने सवाल करते हुए कहा सभी पार्टियों के लीडर गौतम अडानी के मुद्दे पर चुप हैं, सिर्फ अडानी मुद्दे पर राहुल गांधी मुखरता से मोदी पर आक्रमण कर रहे हैं| परंतु जब विपक्षी एकता की बात होगी तो प्रधानमंत्री पद सबको चाहिए, उसमें ममता बनर्जी हो मायावती या अरविंद केजरीवाल, शरद पवार हो अखिलेश यादव या चंद्रशेखर राव, अब सवाल ये उठता है, चाहे असदुद्दीन ओवैसी हो या विपक्षी पार्टियों के लीडर सभी गौतम अडानी के मुद्दे पर चुप हैं| जबकि गौतम अडानी का मामला क्लियर है,और सब कुछ स्पष्ट है| फिर भी विरोधी दलों के नेताओं की चुप्पी देश के लोकतंत्र के लिए घातक है|

मुस्तकीम मंसूरी ने कहा देश के संविधान,लोकतंत्र, को बचाने के लिए विपक्षी दलों को अपना अहम छोड़कर एक साथ आना होगा| उन्होंने कहा जिस तरह इमरजेंसी के बाद 1977 में समूचा विपक्ष लामबंद हुआ था, उस समय जनसंघ से लेकर मुस्लिम मजलिस तक एक मंच पर थी| और उस वक्त की तानाशाह सरकार का जनता ने तख्तापलट किया था| उसी संकल्प के साथ समूचे विपक्ष को 1977 के इतिहास को दोहराने के लिए वर्तमान सरकार के खिलाफ लामबंद होना पड़ेगा|

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