जिलाधिकारी से हुई वार्ता बेनतीजा, किसानों-मजदूरों के सवालों का जवाब न देकर उल्टे पांव वापस गए जिलाधिकारी

 जिलाधिकारी ने स्वीकार किया कि प्रशासन कानून के खिलाफ जाकर कर रहा है कार्रवाई

धरनारत ग्रामीणों ने नारे लगाए की डीएम का आश्वासन झूठा है, लिखित आश्वासन दो, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का मास्टर प्लान रदद् करो


गणतंत्र दिवस पर खिरिया बाग से अम्बेडकर प्रतिमा, कलेक्ट्रेट तक होगी किसान-मजदूर परेड

खिरिया बाग, आज़मगढ़ 24 जनवरी 2023. खिरिया बाग में 104 वें  दिन धरना जारी रहा. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर खिरिया बाग से अम्बेडकर प्रतिमा, कलेक्ट्रट तक किसान-मजदूर परेड करेगा. 23 जनवरी को जिलाधिकारी आज़मगढ़ से हुई वार्ता बेनतीजा रही और किसानों-मजदूरों के सवालों का जवाब न देकर उल्टे पांव जिलाधिकारी वापस चले गए.


इस दौरान धरनारत ग्रामीणों ने नारे लगाए की डीएम का आश्वासन झूठा है, लिखित आश्वासन दो, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का मास्टर प्लान रदद् करो, जान दे देंगे जमीन नहीं देंगे, जमीन हमारे आपके नहीं किसी के बाप की, 26 जनवरी आजमगढ़ चलो, खिरिया बाग आंदोलन जिंदाबाद, किसान-मजदूर एकता जिंदाबाद.


वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन ने 26 जनवरी की किसान परेड को देखते हुए जल्दबाजी में वार्ता की. ठोस-निर्णायक वार्ता का न तो उनके पास कोई प्रस्ताव था और न ही वार्ता के नियम-सिद्धान्तों का पालन किया गया. धरने स्थल पर आकर जिलाधिकारी का कहना कि सहमति से ही जमीन ली जाएगी पर कोई लिखित आश्वासन न देना और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के मास्टर प्लान रदद् करने के सवाल पर जवाब न देकर धरने स्थल से तुरन्त उल्टे पांव वापस जाना बताता है कि सरकार धोखे से किसानों-मजदूरों की जमीन छीनने की कोशिश में है. जब तक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की परियोजना रदद् नहीं होती तब तक जमीन जाने के खतरा ग्रामीणों को लगा रहेगा. शासन में विचाराधीन परियोजना पर एसडीएम, कानूनगो, लेखपाल द्वारा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराने के सवाल पर जिलाधिकारी का यह कहना कि अब सहमति पत्र नहीं लिया जाएगा यह स्पष्ट करता है कि कानून के खिलाफ जाकर कार्रवाई की जा रही है. 


वार्ताकारों द्वारा लिखित आश्वासन मांगने पर जिलाधिकारी का यह कहना कि जब लिखित रूप से कार्रवाई नहीं की गई तो लिखित रूप से आश्वासन कैसे दिया जा सकता है यह कहकर जिलाधिकारी ने स्वीकार किया कि प्रशासन कानून के खिलाफ जाकर काम कर रहा है. बिना किसी लिखित कार्रवाई के जबरन सर्वे की कोशिश, झूठी सर्वे रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज देना, बिना नोटिस/नोटिफिकेशन और सूचना के अधिकार के तहत और जिलाधिकारी द्वारा जब मामला बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना शासन में विचाराधीन है तो ऐसे में ग्रामीणों को मंदुरी स्थित हवाई पट्टी में बुलाकर सहमत पत्र के नाम पर किसी कागज पर दस्तख़त करवाना और ग्रामीणों से फोन पर सहमत के लिए बात करना गैरकानूनी आपराधिक प्रक्रिया है. सर्वे से लेकर सहमति तक सभी स्तरों पर प्रशासन ने भूमिधिग्रहण कानून के खिलाफ जाकर काम किया है इसके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.


धरने को भट्टा परसौल किसान आंदोलन के नेता मनवीर सिंह तिवतिया, सुनील पंडित, राम शब्द निषाद, वीरेंद्र यादव, नरोत्तम यादव, इमरान, हरिनाथ यादव, गनेश, राजेश आज़ाद, राजीव यादव, राशिद खान, राजकुमार भारत ने संबोधित किया. अध्यक्षता विद्या देवी और संचालन सर्वेश यादव ने किया.


द्वारा-

रामनयन यादव

संयोजक, जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा

9935503059

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