बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव मुस्तकीम मंसूरी ने व्यक्त की प्रतिक्रिया,

 बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए लखनऊ से ब्यूरो रिपोर्ट,

मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयान ना करें बीजेपी नेताओं को पीएम मोदी की नसीहत, आखिर क्यों? 

लखनऊ, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के राष्ट्रीय महासचिव उत्तराखंड प्रभारी मुस्तकीम अहमद मंसूरी ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भाजपा नेताओं को दी गई नसीहत जिसमें मोदी द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उपस्थित भाजपा नेताओं से यह कहना कि मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयान बाजी ना करें|


इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस तरह के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बयान देने से पहले  मुस्लिम समाज को यह भी बताना चाहिए एडीआर की उस रिपोर्ट के बारे में जिसमें कहा गया है कि भड़काऊ भाषण देने में सबसे आगे बीजेपी के नेता है रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 8 राज्य मंत्रियों के खिलाफ भी नफरत फैलाने वाले भाषण देने का मामला दर्ज है, उन पर सरकार ने क्या कार्रवाई की है| मुस्तकीम मंसूरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुसलमानों के सामने यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि भाजपा के जिन नेताओं की हेट स्पीच वाली सूची जारी की थी| उसमें अनंत कुमार हेगडे, शोभा कारंदलाजे, गिरिराज सिंह, तथागत राय, प्रताप सिम्हा, विनय कटियार, महेश शर्मा, टी राजा सिंह, विक्रम सिंह सैनी, साक्षी महाराज, संगीत सोम, आदि के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं कर पाई आखिर क्यों?

मुस्तकीम मंसूरी ने कहा कि दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा, केंद्र सरकार में मंत्री अनुराग ठाकुर,और कपिल मिश्रा जैसे लोगों को क्या सरकार का संरक्षण हासिल नहीं था| यह कुछ ऐसे सवाल है, जिनका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं देते हैं, आखिर क्यों? मुस्तकीम मंसूरी ने कहा यह कौन सा अमृत काल है जहां पर देश की 81 करोड़ जनता भुखमरी से बचने और अपना पेट भरने के लिए सरकार के 5 किलो राशन पर निर्भर है। देश के करोड़ों युवा बेरोजगार है, वही देश के करोड़ों किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। पेट्रोल गैस डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि, महंगाई,  भ्रष्टाचार, गिरती हुई अर्थव्यवस्था अगर अमृत काल है,तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का परिवर्तित कर्तव्य काल कैसा होगा? प्रश्न विचारणीय है

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