Report By: S A Betab
उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में सरकारी स्कूल में '
लब पे आती है दुआ बनकर तमन्ना मेरी
जिंदगी शमा की सूरत हो खुदाया मेरी'
बच्चों को पढाने पर फरीदपुर थाने में एक मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. जिसके बाद बीएसए (BSA) ने कार्रवाई करते हुए स्कूल के अध्यापक नायक सिद्दीकी को सस्पेंड कर दिया है. जिस दुआ प्रार्थना को बच्चों को पढ़ाने पर अध्यापक को सस्पेंड किया गया है और मुकदमा दर्ज किया गया है आप पाठको से हम गुजारिश करते हैं कि वह इस दुआ जिसे हिंदी में प्रार्थना कहते हैं खुद पढ़ें और फैसला करें कि इसमें क्या गलत है? क्या यह प्रार्थना पढ़ने से किसी की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं या इससे धर्म में कोई फर्क आता है आप खुद फैसला करें।
पेश है नज़्म
लब[अधर] पे आती है दुआ[प्रार्थना] बनके तमन्ना मेरी
ज़िन्दगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी।
दूर दुनिया का मेरे दम अँधेरा हो जाये
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाये। हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत[शोभा]
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत।
ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब
इल्म[विद्या] की शमा से हो मुझको मोहब्बत या रब।
हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत[सहायता] करना
दर्द-मंदों से ज़इफ़ों[बूढ़ों] से मोहब्बत करना।
मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको
नेक जो राह हो उस राह पे चलाना मुझको।
~ मोहम्मद अलामा इक़बाल
यह नजमा आप लोगों ने पढ़ ली अब हम आपको बताते हैं उत्तर प्रदेश के विभिन्न समाचार पत्रों ने इस नज़्म के बारे में किस तरह से खबरें प्रकाशित की।
आपको बताते चलें यह नज़्म अल्लामा इकबाल की है और उर्दू में है, सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा भी अल्लामा इकबाल ने ही लिखा है और हमारे देश की लोकसभा राज्यसभा मैं कई लोगों ने इस तरह ने को अपने भाषण में पढ़ा है। जिसका किसी ने विरोध नहीं किया है।
उर्दू उत्तर प्रदेश में सरकारी तौर पर दूसरी राज्य भाषा है। फिर उर्दू में पढ़ी गई इस नज़्म पर शिक्षक पर मुकदमा हो जाना एक नई परंपरा की ओर इशारा करता है।
एबीपी न्यूज़ द्वारा लिखी गई यह खबर पेश है
उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में सरकारी स्कूल में मदरसों में कराई जाने वाली प्रार्थना 'लब पर आती है दुआ बनकर..' का वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहा है, जिससे हड़कंप मच गया है. इस वीडियो (Video) के सामने आने के बाद हिन्दू संगठनों ने जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध करते हुए फरीदपुर थाने में एक मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है. जिसके बाद बीएसए (BSA) ने कार्रवाई करते हुए स्कूल के अध्यापक नायक सिद्दीकी को सस्पेंड कर दिया है.
स्कूल शिक्षा का मंदिर होते हैं. यहां धर्म और मजहब नहीं बल्कि इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है. स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चे एक साथ पढ़ते हैं और सब मिलजुलकर रहते हैं, लेकिन जब स्कूल में किसी विशेष धर्म की प्रार्थना करवाई जाए तो सवाल उठना लाजमी है. ऐसा ही कुछ बरेली के फरीदपुर परा मोहल्ले में स्थित कंपोजिट कमला नेहरू उच्च प्राथमिक विद्यालय में देखने को मिला, जहां शिक्षक नायक सिद्दीकी पर आरोप है की वो छात्रों को मुस्लिम तरीके से प्रार्थना करवाते हैं. इस स्कूल का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस 16 सेकेंड के वीडियो में अल्लामा इकबाल की नज़्म "लब पे आती है दुआ बन कर तमन्ना मेरी," प्रार्थना करवाई जा रही है.
मुस्लिम तरीके से प्रार्थना का वीडियो वायरल
स्कूल में मुस्लिम प्रार्थना की ये वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई हड़कंप मच गया. हिन्दू संगठनों ने इसे लेकर कड़ा रुख जताया है. हिन्दू संगठनों का आरोप है कि स्कूल के टीचर नायक सिद्दीकी और वजरूद्दीन ने जानबूझकर हिन्दूओं की भावनाओं को ठेस पहुचाने की नीयत से छात्रों को सुबह-सुबह मुस्लिम तौर तरीकों से प्रार्थना कराई है. उन्होंने दावा किया कि बच्चों को धमकाया जा रहा है कि यही प्रार्थना करनी है.
हिन्दू संगठनों ने जताई आपत्ति
हिन्दू संगठनों का आरोप है दोनों अध्यापकों ने छात्रों को इस्लाम धर्म की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से ये किया है. ये दोनों काफी लंबे समय से छात्रों को ये प्रार्थना करवा रहे थे. आरोप है कि इन दोनों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कार्य किया है. बच्चों में इस प्रार्थना के जरिए धर्मान्तरण करवाने की तैयारी की जा रही है. इस मामले में फरीदपुर पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई है.
एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल ने इस मुद्दे पर और जानकारी देते हुए कहा कि फरीदपुर में सरकारी विद्यालय में एक धर्म विशेष की प्रार्थना कराने का वीडियो वायरल हुआ है. इस मामले में मुकदमा दर्ज कर शिक्षा विभाग को जानकारी दे दी गई है. बीएसए विनय कुमार ने आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया है.
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