अल्लामा इक़बाल के जन्म दिवस को योमे उर्दू मनाते हुए बच्चों को ईनामात तक्सीम किए गए।

 उर्दू प्यारी मीठी और ज़िन्दगी की ज़ुबान है : अनवार अहमद नूर

स्योहारा (बिजनौर-यूपी)
यौमे इकबाल के मौक़े पर मदरसा अनवारूल उलूम मोहल्ला पटवारियान स्योहारा में विश्व प्रसिद्ध शायर अल्लामा इक़बाल के यौमे पैदाइश को उर्दू दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौक़े पर मदरसे में बच्चों ने जहां बड़ी संख्या में भाग लिया वहीं उर्दू प्रतियोगिता भी मुंअकिद की गई। जिसमें छोटे बच्चों ने नाते कलाम, बयान, उर्दू शेर ओ शायरी करते हुए प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। प्रोग्राम का संचालन तनवीर अहमद व अध्यक्षता हज्जन नसीमा बेगम ने की। मुख्य अतिथि सभासद वसीम अहमद कुरैशी उर्फ बब्ली मेम्बर व विशिष्ट अतिथि हाजी जव्वार अहमद रहे । बच्चो के बीच उर्दू मुकाबला, नाअत मुकाबला हुआ जिसमे बुशरा को कुरान पाक की तिलावत के लिए, शादमीन को बयान, रमज़ा को नात और अलीम को शायरी के लिए पुरस्कृत करते हुये सभी की हौंसला अफ़जाई की गई। बच्चों को शील्ड दी गई। 



इस मौके पर अनवार अहमद नूर ने शायर अल्लामा इकबाल की हालाते जिंदगी पर रोशनी डाली और आम ज़िन्दगी में उर्दू की अहमियत बताई । उन्होंने "सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा" "हम बुलबुले हैं इसके ये गुलसितां हमारा" जैसे शानदार तराने के लिखने वाले अज़ीम शायर अल्लामा इक़बाल को अज़ीम शख्सियत करार दिया। और कहा कि
हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है।
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।
अध्यापक तनवीर अहमद ने बच्चो के रोशन मुस्तकबिल के लिए उर्दू की अहमियत पर ज़ोर दिया। सभी बच्चों को उर्दू सिखाने के लिए अतिरिक्त कक्षा चलाने की घोषणा भी की।  हज्जन नसीमा बेगम ने सभी बच्चो को अधिक से अधिक उर्दू सिखाने की स्टाफ से गुज़ारिश की और सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य की दुआ की। प्रोग्राम को सफल बनाने में अनवार अहमद, तनवीर अहमद, शीना परवीन, फरहान अहमद, फिज़ा परवीन आदि स्टाफ का सहयोग रहा।  मुख्य अतिथि सभासद वसीम कुरैशी व विशिष्ट अतिथि जव्वार अहमद ने बच्चों को ईनामात तक्सीम किए।

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