कालेजों में प्रवेश की समस्याओं के समाधान हेतु एनएसयूआई दिल्ली प्रदेश ने जारी किया हैल्प लाइन नंबर।

 सोमवार से यूनियन की सदस्यता अभियान के तहत हज़ारों छात्रों को जोड़ने का चलाया जाएगा अभियान।

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर)

दिल्ली विश्वविद्यालय तथा दिल्ली के कालेजों में प्रवेश की समस्याओं के उद्देश्यों से नेशनल स्टुडेंट यूनियन इंडिया दिल्ली प्रदेश ने आज एक हैल्प लाइन नंबर 9268030030 जारी किया जो डीयू तथा कालेजों में विधार्थियों के प्रवेश की समस्याओं का समाधान के लिए है। साथ ही एनएसयूआई सोमवार से अपना सदस्यता अभियान चलाने जा रही है। जिसमें लगभग पचास हज़ार नये सदस्यों को जोड़ने की बात कही गई है।


दिल्ली विश्वविद्यालय की एनएसयूआई शाखा द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुणाल सेहरावत (अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश) नीतीश गौड़ (इंचार्ज) अविनाश यादव (राष्ट्रीय सचिव प्रदेश),सौरभ शेटे,(उपाध्यक्ष दिल्ली प्रदेश) फ़ज़ल हारून (उपाध्यक्ष दिल्ली प्रदेश) ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हम छात्रों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं। प्रवेश और फीस आदि को लेकर हम हैल्प काउंटर आदि भी लगाएंगे।

कुणाल सेहरावत ने बताया कि छात्रों को एडमिशन के संदर्भ में आने वाली दिक्कतों के समाधान में एनएसयूआई की यह पहल कारगार साबित होगी।हेल्पलाइन नंबर *9268030030* पर कोई भी छात्र एडमिशन प्रवेश के लिए संपर्क कर सकता है और जिस प्रकार सीईटी एक ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया शुरू की है, उसमे भी छात्रों को आने वाली समस्याओं का समाधान इस हेल्पलाइन के माध्यम से एनएसयूआई के छात्र प्रतिनिधि करेंगे।

राष्ट्रीय सचिव व दिल्ली के प्रभारी नीतीश गौड़ ने कहा कि इसके साथ ही एनएसयूआई द्वारा छात्रों को हर संभव सहायता भी प्रदान की जाएगी, जिसमे प्रमुख्तः किस कालेज में प्रवेश किस स्ट्रीम के साथ लिया जाना चाहिए, इसको लेकर भी छात्रों को जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।

पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए एनएसयूआई के वक्ताओं ने कहा कि एनएसयूआई महंगाई फीस वृद्धि और छात्रों के विषयों को लगातार उठा रही है लेकिन वर्तमान सरकार मुद्दे उठाने नहीं दे रही है छात्र आंदोलनों को दबाया और कुचला जा रहा है। फीस वृद्धि और महंगाई पर एनएसयूआई ने लगातार आंदोलन किया है जिस पर कई कालेजों ने फीस वृद्धि का फैसला वापस भी लिया है। भाजपा समर्थित यूनियन का नाम लिए बिना सहरावत ने कहा कि उनकी सोच नागपुर से निकलकर सारे देश को विषैला बनाने के लिए चलती है जो देश के लिए बहुत हानिकारक है लेकिन कालेजों में पढ़ने वाले पढ़े लिखे छात्रों में सांप्रदायिकता फैलाने या ऐसे घिनौने प्रयासों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यदि  फीस वृद्धि या छात्रों से जुड़े मुद्दों पर यदि  हमारी बातें नहीं सुनी जातीं तो हम छात्र हितों के लिए आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

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