नीतीश कुमार बने आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री , तेजस्वी यादव ने दूसरी बार उप मुख्यमंत्री की शपथ ली , अन्य मुख्यमंत्री यह रिकॉर्ड क्यों नहीं बना पाए देखिए पूरी रिपोर्ट
पटना। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में नीतीश कुमार ने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तेजस्वी यादव ने दूसरी बार बिहार के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें शपथ ग्रहण कराया। इसके साथ बिहार में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड नीतीश कुमार ने दर्ज कराया है।
शपथ ग्रहण समारोह में लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री और भाई तेजप्रताप शामिल हुए। इनके अलावा महागठबंधन के सभी विधायक और बड़ी संख्या में अन्य नेता मौजूद रहे। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री को राज्यपाल फागू चौहान ने उनसे हाथ मिलाकर उन्हें बधाई दी।
तेजस्वी ने शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गले मिले और उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण करने की तारीख तय करने की बात कही। साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत में वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दलों को मन से एकजुट होने का आह्वान किया।
22 साल में नीतीश कुमार का आठवां शपथग्रहण कैसे?
नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश भाजपा के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जनता ने नीतीश को ही सीएम बनाया। 2014: हार की जिम्मेदारी ले छोड़ा पद
2015: महागठबंधन के साथ दर्ज की जीत
2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली।
2020: जदयू की कम सीटें, फिर भी बने सीएम
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली। हालांकि, भाजपा में उनके मुख्यमंत्री पद को लेकर लंबे समय तक पसोपेश की स्थिति रही। अब नीतीश ने एनडीए से अलग होने का एलान कर एक बार फिर इस्तीफा दे दिया है।
2022: महागठबंधन में लौटे, बने 8वीं बार सीएम
एनडीए से अलग होने के एलान के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुड़ने का एलान कर दिया। इसी के साथ यह तय हो गया कि नीतीश कुमार अब आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। मंगलवार शाम तक शपथग्रहण के समय का एलान भी हो गया। बुधवार को उन्होंने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
नीतीश कुमार के बाद सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह और तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता के पास है।
1. वीरभद्र सिंह
वीरभद्र सिंह छह बार मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र 1983 में पहली बार मुख्यमंत्री बने। 1985 में उन्होंने फिर चुनाव जीता और सीएम पद की शपथ ली। इसके बाद 1993, 1998, 2003 और 2012 में वीरभद्र फिर हिमाचल के सीएम बने। 2016 में भाजपा के खिलाफ हार के साथ ही उनका राजनीतिक करियर ढलान पर आ गया।
2. जे जयललिता
छह कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रियों में तमिलनाडु की जयललिता का भी नाम है। वे पहली बार 1991 में मुख्यमंत्री बनीं। इसके बाद 2001 में उन्होंने चुनाव जीतकर दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। हालांकि, भ्रष्टाचार के एक मामले की वजह से उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। जयललिता के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका 2002 में ही आया, जब कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। वे 2006 तक सीएम रहीं। 2011 में उन्होंने एआईएडीएमके को फिर से जीत की दहलीज तक पहुंचाया। 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि, 2015 में बरी होने के बाद उन्होंने पांचवीं बार सीएम पद की शपथ ली। 2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के बाद जयललिता छठी बार तमिलनाडु की सीएम बनीं।
भारत में सबसे लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड सिक्किम के सीएम पवन कुमार चामलिंग के पास है। चामलिंग ने 1994, 1999, 2004, 2009 और 2014 में चुनाव जीता और सीएम पद ग्रहण किया। यानी 28 साल लंबे करियर में भी चामलिंग सिर्फ पांच बार ही शपथ ले पाए।
4. ज्योति बसु
इसी तरह पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम ज्योति बसु के पास रहा है। बसु 1977 से लेकर 2000 तक लगातार बंगाल के मुख्यमंत्री बने रहे। इस दौरान उन्होंने कुल पांच बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चूंकि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था, इसलिए शपथग्रहण का रिकॉर्ड उनके पास नहीं है।
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