विचार सभी का कोहिनूर होना चाहिए



इंसानियत को बांटना दूर होना चाहिए,

वसुधैव-कुटुंबकम् मशहूर होना चाहिए।

फैली हुई बुराई तो मिट जाएगी लेकिन,
विचार सभी का कोहिनूर होना चाहिए।

कांटा मुझे चुभे या चुभे किसी और को,
ज़ख्म को भरने का दस्तूर होना चाहिए।

बात कोई भी हो बात तो बात है लेकिन,
तुम्हें बात कहने का शऊर होना चाहिए। 

यक़ीन के बंधन तो कई बार बिखर गए, 
नफ़रतों का घमंड भी चूर होना चाहिए।

चला ही गया है अगर इंसाफ़ के मन्दिर, 
फैसला आदमी को मंज़ूर होना चाहिए।

झूठ से परहेज़ ही काफी नहीं  "ज़फ़र",
सच्चाई की खुशबू का नूर होना चाहिए।


ज़फ़रुद्दीन ज़फ़र
एफ-413,
कड़कड़डूमा कोर्ट,
दिल्ली -32

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