मेधा पाटकर और अन्य 11 पर दायर एफआईआर फर्जी एफआईआर तत्काल रद्द करे सरकार- रिहाई मंच

लखनऊ 14 जुलाई 2022. रिहाई मंच ने वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और अन्य 11 लोगों पर दर्ज एफआईआर को साजिश करार देते हुए तत्काल उसे रद्द करने की मांग की.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र को मजबूत करने वालों के खिलाफ लगातार हमला बढ़ रहा है. वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने न सिर्फ नर्मदा बल्कि उसके किनारे बसने वाली पूरी सभ्यता को बचाने के लिए पूरी जिंदगी लगा दी. आरएसएस से जुड़े व्यक्ति द्वारा एफआईआर कराना साफ करता है कि संघ आदिवासी विरोधी है वह नहीं चाहता कि मेधा पाटकर और नर्मदा नवनिर्माण अभियान आदिवासी बच्चों को पढ़ाकर समाज की मुख्यधारा में लाए. इसीलिए शिक्षा और जनजातीय बच्चों के हित में किया जा रहा कार्य संघी एफआईआर कर्ता को देश विरोधी गतिविधि लग रहा है. उन्होंने कहा कि जिस समाज का जीवन संकट में होता है वो खुद लड़ता है और नर्मदा बचाओ आंदोलन ने यह काम बखूबी किया. जिसे विकास परियोजना कहा जा रहा, वह वहां के लोगों के लिए विनाश परियोजना है. नर्मदा नवनिर्माण अभियान की लगभग 30 वर्षों से जारी जीवनशालाओं से हजारों आदिवासी बच्चे शिक्षित होकर आगे बढ़े हैं और यह उपलब्धि संघियों को पसंद नहीं। मुहम्मद शुऐब ने कहा कि यह जन आंदोलनों की आवाजों को सरकार द्वारा कुचलने की कोशिश है. सरकार का उद्देश्‍य जन संगठनों को भयभीत कर चुप कराना है, जो कभी पूरा नहीं होगा.


द्वारा

राजीव यादव

महासचिव, रिहाई मंच

9452800752

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