पत्रकारिता मिशन नहीं व्यवसाय बना मगर सच्ची और अच्छी पत्रकारिता की अंततः जीत होगी: अनवार अहमद नूर

 30 मई पत्रकारिता दिवस:

* पूर्ण संकल्प के साथ आगे बढ़ने वाले पत्रकार ही सत्य को पराजित नहीं होने देंगे। और अंत में विजयी होंगे: हिरा मीडिया सेंटर

नई दिल्ली (हिरा मीडिया) anvar ahmad noor

पत्रकारिता के क्षेत्र में आज जैसी दुर्दशा शायद ही कभी देखने को मिली हो। चैनल बढ़ें, अखबार बढ़े, पत्रकार बढ़े, इलैक्ट्रोनिक मीडिया छाया, मगर पत्रकारिता के आदर्शो और मूल्यों का पतन हुआ। जो बड़े मीडिया सेंटर कहलाते थे उनको व्यवसायिकता की बीमारी लग गई जिसके कारण आम आदमी की समस्या और उस की आवाज़ को दबा कर, पूंजीपतियों, राजनेताओं, अफसरों, और माफियाओं ने विज्ञापनों या पैसे के बल पर मीडिया के मिशन को ही मोड़ कर रख दिया।देश में फैले भ्रष्टाचार को सदाचार बना कर पेश कर दिया गया।

जनसमस्याओं और सवालों को उठाने की बजाय मिडिया को सरकार और पूंजीपतियों का भौंपू बना दिया गया। जनता को दिग्भ्रमित करने का कार्य किया जा रहा है। आज पत्रकार अगर इमानदारी से अपना कार्य करता है तो उसके सामने तरह तरह की चुनौतियां होती हैं उसके ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगाए जाते हैं। अनेक पत्रकारों को जेल भी खानी पड़ी है। सच्ची और अच्छी पत्रकारिता के रास्ते में रुकावटें खड़ी की जा रही हैं। जबकि गोदी मीडिया फल फूल रही है। आज पत्रकारिता दो दिशाओं में बंट गई है। एक वह ग्रुप जो समाज के मुद्दों पर काम करता है और एक वह  जो सरकार और  माफियाओं के काले कारनामों से ध्यान हटाकर लोगों को भटकाता है। भ्रष्टाचार, महंगाई, शिक्षा, बेरोज़गारी, ख़बरों और चर्चाओं से बाहर हैं और मंदिर- मस्जिद, हिंदू मुस्लिम, गाय गोबर मूत्र, चर्चा और डिबेट के मुद्दे बन गये हैं।

पत्रकारिता के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन पीत पत्रकारिता और गोदी मीडिया की बढ़ोतरी से बड़ी संख्या में अशिक्षित और अप्रशिक्षित संवाददाताओं, एंकरों की भीड़ भी बढ़ी है। जिसने समाज का कोई भला नहीं किया।

बल्कि दिशाहीनता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। मगर इस भीड़ में से कुछ अच्छे सोशल मीडिया पत्रकार भी निकल कर आए हैं। जिन्होंने आम जनता की आवाज़ को उठाया है। 

यकीनन पत्रकारिता आज बड़ा मुश्किल और चुनौती पूर्ण कार्य हो गया है। जनता को गुमराह किया जा रहा है। ऐसे में हिंदी पत्रकारिता दिवस को मनाने और शुभकामनाएं देने की परम्परा भी जारी है। लेकिन चिंतन मनन की अति आवश्यकता है। इस अग्नि पथ पर आदर्श पत्रकारिता को परीक्षा भंवर से होते हुए आगे बढ़ना है । मुझे आशा है कि स्वच्छ, सच्ची और अच्छी पत्रकारिता के संकल्प के साथ आगे बढ़ने वाले पत्रकार ही सत्य को पराजित नहीं होने देंगे। और अंत में वही विजयी होंगे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

सपा समर्थित उम्मीदवार श्रीमती उज़मा रशीद को अपना बेशकीमती वोट देकर भारी बहुमत से विजई बनाएं

सपा समर्थित उम्मीदवार श्रीमती उजमा आदिल की हार की समीक्षा

सरधना के मोहल्ला कुम्हारान में खंभे में उतरे करंट से एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत,नगर वासियों में आक्रोश