यौमे शहादत हज़रत मौला अली पर रोज़ा अफ़तार का एहतिमाम ख़ानकाहे सक़लैनिया शराफ़तिया पर किया गया,

 बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट, 

इस मौके पर बाद नमाज अस्र 5:30 बजे पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सक़लैन मियां हुज़ूर ने फ़ातिहा की और आखिर में ख़ुसूसी दुआएं की |

बरेली, आज दिनाँक 23 अप्रैल 2022 मुताबिक 21 रमज़ान उल मुबारक "यौमे शहादत मौलाए कायनात हज़रत मौला अली मुश्किल कुशा रज़ीअल्लाह अन्हु" के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी ख़ानकाहे सक़लैनिया शराफ़तिया पर हज़रत मौला अली की शान में मनकबत ख्वानी हुई और आपकी अज़मत ओ फज़ीलत बयान की गई। 




इस मौके पर बाद नमाज़ अस्र शाम 5:30 बजे पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सक़लैन मियां हुज़ूर ने फातिहा की और आखिर में खुसूसी दुआएं कीं। 

हज़रत मौला अली की शख्सियत इस्लाम में एक मायनाज़ हैसियत रखती है, आप दामादे मुस्तफा हैं, हुज़ूर की सबसे ज़्यादा हदीस मुबारक मौला अली के लिए हैं, आप विलायत का सरचशमा हैं आपसे ही विलायत का सिलसिला शुरू हुआ, आप हिम्मत ओ शुजाअत की एक मज़बूत चट्टान थे आपने कई जंगों में इस्लाम को फतह दिलाकर इस्लाम का परचम बुलंद किया, इस्लाम में हज़रत मौला अली का बहुत बुलंद मुकाम है

फातिहा शरीफ़ के बाद तमाम अकीदतमंदों का दरगाह शरीफ़ के मेहमान खाने में रोज़ा अफ्तार कराया गया, रोज़ा अफ्तार में बेशुमार तादाद में रोजेदारों ने शिरकत की।

इस मौके पर मुंतखब मियां, गाज़ी मियां, सादकैन सकलैनी, हमज़ा सकलैनी, गौसी सकलैनी, मुर्तुजा सकलैनी, इंतिखाब सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, मुंतासिब सकलैनी, इंतज़ार हुसैन, हाजी लतीफ़ सकलैनी, मन्ना सकलैनी, ऐनुल सकलैनी, उमम सकलैनी, रीनू सकलैनी, आदिल सकलैनी, रिज़वान सकलैनी, इमरान सकलैनी आदि खास तौर पर मौजूद रहे।

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