प्रेस और पत्रकारों के साथ शर्मनाक- घृणित व्यवहार है ना काबिले बर्दाश्त : डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब

डीपीसी ने इसकी न सिर्फ निंदा भर्त्सना की बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को नष्ट और बेइज्जत होने से बचाने की अपील भी की है। 


नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर) 
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ यानि प्रेस यानि मीडिया की हालत देश भर में दयनीय तो पहले से ही बना दी गई है लेकिन अब स्थिति ये आ गई है कि गोदी मीडिया को छोड़कर असली पत्रकार और सच्ची पत्रकारिता करने वालो को कानूनी कार्रवाई की गिरफ्त में ले कर अपमानित और नंगा करके रुसवा करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे सच और वर्तमान भाजपा सरकार के विरुद्ध लिखने वाले भयभीत हो जाएं। 

डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब के अध्यक्ष फरीद चुगतई और महासचिव सईद अहमद ने पत्रकारों के साथ हो रहे अपमानजनक व्यवहार पर नोटिस लेते हुए कहा कि पत्रकारिता जगत पर आपातकाल है और ऐसे में जागरूक और संघर्ष के बिना काम नहीं चलेगा। मध्य प्रदेश में सार्वजनिक हुई तस्वीरें जिसमें पत्रकारों को अर्धनग्न अवस्था में खड़ा किया गया है यकीनन ये हमारे लोकतंत्र की उड़ती धज्जियाँ और शर्म से भरी हालत बयान करतीं हैं। सीधी जिले की पुलिस ने पत्रकारों को थाने में बुलाकर अर्धनग्न अवस्था में खड़ा कर दिया है। जो अत्यधिक दुखद और निंदनीय है। 
बताया गया है कि इन पत्रकारों ने  भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ ख़बरें चलाई थीं जिससे शुक्ला नाराज़ थे। उनके कहने पर सीधी पुलिस ने कनिष्क और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी आईडी से भाजपा सरकार और विधायकों के खिलाफ लिखते और ख़बरें दिखाते हैं।
मुकेश शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब (म.प्र) ने भी इन नंगी तस्वीरों को देख कर कहा है कि थाने में नंगा खड़ा है भारत का संविधान। 
डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब आफ इंडिया से जुड़े समस्त पत्रकारगण इसको लेकर न सिर्फ़ चिंतित बल्कि सर गर्म हैं। कल भी आईटीओ (नयी दिल्ली) पर एक मीटिंग में - जिसमें - सईद अहमद, शकील अहमद, अनवार अहमद नूर, इमरान कलीम, धर्मेंद्र सिंह, ब्रजेश कुमार परवीन सिंह, और कई अन्य पत्रकार उपस्थित थे ने पत्रकारों के साथ हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया। 
डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाने और पत्रकारों के सम्मान की रक्षा करने के लिए अपने संघर्ष को तेज़ करने का निर्णय भी लिया है। 

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