मृतक के भाई ने पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे भाई को पुलिस वालों ने खूब मारा है और उसके सिर में चोट आई थी। 10 अप्रैल को पुलिस ही उसे थाने लाई थी।मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा में पहली मौत की पुष्टि हो गई है। इब्रीस खान की इंदौर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इब्रीस खान 10 अप्रैल से ही लापता था। राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हिंसा के कारण पहली मौत की पुष्टि की। वहीं मृतक के भाई ने पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप लगाये हैं।
इब्रीस खान के भाई इखलाक खान ने एक समाचार चैनल से बताया कि, “मैं अस्पताल में अपने भाई की डेड बॉडी लेने के लिए आया हूं। मेरा भाई आनंदनगर मस्जिद में रोजा खोलने के लिए गया हुआ था और फिर वहां हमला हुआ और उसको वहां के लोगों ने और पुलिसवालों ने खूब मारा। पुलिसवाले मेरे भाई को वहां से सबके सामने उठा के ले गए थें और थाने पर वो कुछ देर के लिए था और फिर उसके बाद से लापता था। उसे घसीट कर मारा गया है और उसके सिर पर चोट के निशान हैं।”गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सांप्रदायिक हिंसा में पहली मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि, “रविवार रात इंदौर के MY अस्पताल में 30 वर्षीय इबरीश खान उर्फ सद्दाम के शव की पहचान की गई। मौत की सूचना आठ दिन बाद दी गई है क्योंकि कल रात शव की पहचान की गई थी। उनका परिवार 10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस की हिंसा के बाद से उनकी तलाश कर रहा था। 7-8 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।”सोमवार को नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि, “खरगोन में पूरी तरह शान्ति बनी हुई है और हालात अब सामान्य हैं। स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर स्थिति की समीक्षा कर कर्फ्यू में ढील दे रहा है। हिंसा के बाद दंगाइयों के खिलाफ विधि सम्मत तरीके से कार्रवाई की गई है। जो भी न्यायलय जाना चाहता है, जा सकता है। मध्य प्रदेश में हनुमान जयंती पर 279 स्थानों पर शांतिपूर्वक शोभायात्रा एवं जुलूस निकला है। हनुमान जयंती पर शांतिपूर्वक कार्यक्रम के लिए पुलिस प्रशासन को बधाई देता हूं।”
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