स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम में इंदौर ने लगाया पंच लगातार पांचवी बार बना नंबर वन

इंदौर के नागरकि को हर वर्ष चाहिए स्वच्छता सर्वेक्षण सम्मान : डॉक्टर पवन कुमार शर्मा (प्रशासक इंदौर) 

नई दिल्ली। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने एक बार फिर अपना परचम लहराते हुए लगातार पांचवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया है। शनिवार की सुबह नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के कर कमलों से इंदौर को स्वच्छाता सर्वेक्षण में पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार मध्य प्रदेश के शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ इंदौर के प्रशासक डॉक्टर पवन कुमार शर्मा और उनकी टीम ने प्राप्त किया। स्वच्छता सर्वेक्षण के साथ ही इंदौर को सफाई मित्र सुरक्षा सम्मान से भी नवाजा गया।


इंदौर को यह सम्मान सफाई कर्मचारियों को बेहतर उपकरण और तकनीक मुहैया कराने के लिए प्रदान किया गया है। स्वच्छ भारत सर्वेक्षण पुरस्कारों में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक ही शहर को दो अलग अलग श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया हो। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सफाई मित्र सुरक्षा पुरस्कार इसी साल से शुरू किया और पहली बार में ही इंदौर इस पुरस्कार को अपने खाते हिस्से में लाने में सफल रहा।  

पुरस्कार प्राप्त करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए इंदौर नगर निगम के प्रशासक एवं इंदौर के कमिशनर डॉक्टर पवन कुमार शर्मा ने कहा, 'दो अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय स्तर पुरस्कारों को मिलना मध्य प्रदेश और इंदौर के लिए बड़े ही हर्ष का विषय है। यह पुरस्कार इंदौर के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ ही इंदौर की पूरी जनता के प्रयासों का नतीजा है। सभी के सहयोग से शहर को स्वच्छ बनाने और रखने का अभियान सफल हो सका।' उन्होंने आगे कहा, 'पूर्व के वर्षों सरकारी संस्थाओं के जरिये शहर को स्वच्छ रखने का संदेश दिया जाता था, नियत अंतरालों पर मोहल्ला स्तर पर अभियान चलाये थे जिसका परिणाम यह है कि आज इंदौर का प्रत्येक निवासी इतना जागरूक हो चुका है कि वह खुद तो सफाई का ध्यान रखता है और दूसरों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करता है।' 

डॉक्टर पवन कुमार शर्मा के मुताबिक एक साथ दो सम्मान मिलने से इंदौर नगर के वासियों और सरकारी अमले की जिम्मेदारी और बढ़ गई, जिम्मेदारी इस मायने में कि जिस प्रकार इंदौर लगातार पांच वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना रहा है भविष्य में भी वह पहले स्थान पर ही बरकार रहे। इसके लिए और मेहनत करनी होगी। उनका यह भी कहना था कि इंदौर सीवरेज और जमीनी सफाई को तो इंदौर बेहतरीन स्थिति में ला चुका है अब यहां के एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स को ओर बेहतर करने की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे। 

बता दें कि इंदौर पहली बार 2016-17 में सफाई के मामले में देश का नंबर वन शहर बना था उसके बाद 2017-18, 2018-19, 2019-20 में वह पुरस्कार जीता था। अब 2020-21 में दस लाख से अधिक की आबादी श्रेणी के स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले स्थान पर काबिज रहते हुए इंदौर ने 'स्वच्छता का पंच' लगाया है। इंदौर के बाद बीते साल की ही तरह इस साल भी गुजरात का शहर सूरत रहा वहीं आंध्र प्रदेश के विजयवाडा को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। जहां तक इंदौर का सवाल है तो वहां नगर-निगम का सफाई करने का सिस्टम इतना तेज है कि शहर में गंदगी अब नजर नहीं आती है। शहर में कहीं खुले में नाला बहता नजर नहीं आता। वहीं शहर के पेड़-पौधों और पार्कों की सिंचाई के सीवरेज वॉटर को ट्रीट करके काम में लाया जाता है। सड़कों पर कूड़ा न फैले इसके लिए जगह-जगह पर गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग कूड़ेदान लगाए गए हैं। शहर की खूबसूरती निखारने के लिए जगह-जगह दीवारों पर आकर्षक तस्वीरें और पेंटिंग्स भी बनाई गई हैं।

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