किसान सत्याग्रह आंदोलन

गाजियाबाद मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों ने माननीय प्रधान मंत्री जी द्वारा कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद अपने आंदोलन के क्रम में अहम फैसला लिया है। किसान कृषि कानून के विरोध में पिछले एक वर्ष से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं  सर्दी , गर्मी ,बरसात के साथ साथ पानी की बौछार व लाठियो की मार झेलते हुए किसान अपनी मांगों पर टस से मस नहीं हुए ।



उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसान अपनी अधिग्रहित जमीन के मुआवजे को भूमि अधिग्रहण अधिनियम पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना नीति 2013 के तहत दिए जाने की मांग को लेकर 2 दिसंबर 2016 से निरंतर गांधीवादी सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं धरनारत किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में भी बड़ा कदम उठाते हुए जिंदा समाधि के साथ ही 13 दिन का आमरण अनशन भी किया जिसको प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन पर समाप्त कर दिया गया था  । सत्याग्रही किसानों ने कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद जिंदा समाधि में स्तेमाल किए गए 22 गढ्ढों में से 2 गढ्ढों में आज वृक्षारोपण किया है सत्याग्रही किसानों का कहना है कि अभी आंशिक सफलता मिली है तो 2 ही गढ्ढों में वृक्षारोपण किया गया है बाकी बचे हुए गढ्ढे में मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसानों को उनका अधिकार मिलने के बाद वृक्षारोपण किया जाएगा ।

किसानों द्वारा कृषि कानूनों के विरोध में धरने प्रदर्शन कर रहे किसानों को भाजपा नेताओ ने आंदोलन जीवी,परजीवी , नकली किसान ,खालिस्तानी,आतंकवादी न जाने कैसे कैसे नामो से नवाज कर किसानों के सब्र का इम्तिहान लिया गया । कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसानों की जिंदगी लीलकर कानून वापसी की घोषणा करने का फैसला इतिहास के पन्नो में दर्ज किया जाएगा । सत्याग्रही किसानों द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्यरूप से महेंद्र सिंह त्यागी,आर डी त्यागी,राजाराम त्यागी,प्रमोद कुमार,बालकराम त्यागी,अमित त्यागी,टेकचंद त्यागी,बॉबी त्यागी ,सुरेंद्र शर्मा,ब्रजेश दरोगा जी,श्रीपाल शर्मा,महावीर,रामकिशन पहलवान,इस्लामुदीन,मुकेश त्यागी,राकेश त्यागी,ज्ञानी बैंसला ,सुखबीर सैनी ,राजबीर त्यागी आदि सैकडो किसान मौजूद रहे ।

नीरज त्यागी

9811605124

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