फ़िज़िटल एआई" एप का आविष्कार करके, आफ़ताब लुहार ने किया देश का नाम रोशन।

भारत का अनूठा और सशक्त एप। विश्व के 176 देशों में हुआ लॉन्च। एप अनेकों सुविधाएं उपलब्ध कराएगा और फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम टि्वटर आदि का एक सशक्त विकल्प और क्रांतिकारी सुविधाएं देने वाला होगा। 

(श्योपुर ( मध्य प्रदेश) से शांति मिशन के लिए आदिल नागौरी संवाद सूचक की जानकारी पर आधारित एक रिपोर्ट।) 

नई दिल्ली ( साभार:शांति मिशन न्यूज़ डैस्क ) अपने देश भारत में प्रतिभाशालियों की कमी नहीं है। यह अलग बात है कि उनको संसाधन और सहायता- सहयोग नहीं मिल पाता जिसके कारण आविष्कार होने से रह भी जाते हैं। लेकिन फिर भी कुछ प्रतिभाएं जैसे तैसे पूरी लगन के साथ लगकर अपने कारनामें को दुनिया के सामने लाने में सफल हो जातीं हैं।और अपने देश का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखाती हैं। ऐसी ही प्रतिभा का नाम है आफताब लुहार और उसके सहयोगी साथियों का, जिन्होंने अपना देसी एप फिज़िटल एआई बना कर अपना और देश का नाम विश्व जगत में रोशन किया है। ये युवा मध्य प्रदेश के श्योपुर  के रहने वाले हैं। 


आफताब लोहार और उसके साथी आदिवासी वर्ग के अंकित कुमार लकड़ा ने अपनी मेहनत से एक ऐसा ऐप्स बना दिया  है जिसने द मार्क जुकरबर्ग और बिल गेट्स तक को चुनौती दे डाली है। 

आफताब लुहार ने जो इस एप के सीईओ भी हैं ने बताया कि दुनिया के 176 देशों में यह भारत का ऐप लॉन्च किया गया है।  फिज़िटल एआई भारत का अपना एक देसी एप है और इससे विदेशी ऐप से छुटकारा पा सकते हैं। आफताब लोहार का कहना है कि इस एप को विश्व भर की प्रोग्राम बनाने वाली कंपनियों, विभिन्न ऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की जांच पड़ताल करके अपने साथी अंकित कुमार लकड़ा के साथ मिलकर  तैयार किया गया है। इसमें दो वर्ष से अधिक का समय सिर्फ़ इसलिए लगा दिया गया कि इस एप में हम उन कमियों को नहीं चाहते थे जो दूसरे एप्स में पाई जाती हैं, जिनकी वजह से आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। इस ऐप में लोग अपना फर्जी फ़र्ज़ी अकाउंट नहीं बना सकते। यह एप रोज़गार देने वाला और सभी वर्गों के लिए बना है। 

डिजिटल ऐप में सभी की सहभागिता पर अधिक ध्यान दिया गया है। लोग अपना समय खर्च किए बिना अधिकतर काम कर सकेंगे। इसके लिए इस एप में पूरी पूरी व्यवस्था है। इसी क्रम में चुनाव संबंधित सामग्री भी डाली गई है। फिलहाल यह किसी भी एक सामाजिक, धार्मिक संस्था के चुनाव ( इसी के माध्यम से) करा कर तुरंत परिणाम दे सकता है। इसके आयोजकों का कहना है कि इसे 2030 तक इतना अधिक विकसित कर दिया जाए कि भारत निर्वाचन आयोग इसका उपयोग देश- प्रदेश के चुनाव में कर सके। क्योंकि इस एप के माध्यम से एक घंटे में देश की लोकसभा के चुनाव कराकर परिणाम दिया जा सकता है। इसके लिए पूरे देश की वोटर लिस्ट को इस में डालना पड़ेगा, जिसके लिए यह निर्वाचन आयोग से भी मिलेंगे। 

इन युवाओं को लगातार शुभकामनाएं मिल रही हैं। इन्होंने बताया कि छात्र जीवन में बिना अपने परिवार की मदद से इस ऐप को बनाने के दौरान इन युवाओं को आर्थिक सहायता शाहनवाज़ नागौरी ने दी है। जिसके लिए वह उनके शुक्रगुज़ार हैं। इन का दावा है कि यह ऐप विदेशों में भी लॉन्च कर दिया गया है और शीघ्र ही यह पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व स्थापित करके सबसे ऊपर होगा। और इसी के साथ ऊपर होगा अपने देश भारत का नाम। फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम और ट्विटर जगत में एक क्रांति का आगाज़ इन भारतीय युवाओं ने किया है।

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