इंसाफ मांगने वालों पर एफ़ आई आर जम्हूरियत का गला घोटने के बराबर है- कलीमुल हफ़ीज़
राबिया सैफ़ी के मामले पर ज़ाकिर नगर बटला हाउस में कैंडल मार्च निकालने पर सदर दिल्ली मजलिस कलीमुल हफ़ीज़ पर एफ़ आई आर
नई दिल्ली 27 प्रेस रिलीज़ सितंबर देश पर जब से सांप्रदायिक फ़ांसीवादियों की सरकार आई है। ज़ालिमों के बजाय मजलूम ही जेलों में बंद है।इंसाफ़ मांगने वालों पर एफ़ आई आर जम्हूरियत का गला घोटने के बराबर है। इन विचारों को ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने प्रेस को जारी एक बयान में व्यक्त किया। कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मजलिस की तरफ़ से मजलूम राबिया सैफ़ी के लिए पूरी दिल्ली में कैंडल मार्च निकाले गए लेकिन ज़ाकिर नगर के मार्च को पुलिस ने जबरदस्ती रोकने की कोशिश की जबकि मार्च शांतिपूर्ण था। उसी दिन कांग्रेस का जुलूस भी था। जिसको पुलिस ने कुछ नहीं कहा और मजलिस के जुलूस को निकलने ही नहीं दिया और बार बार रोका उसके बावजूद मजलिस के कार्यकर्ता पूरी तरह शांत रहें। अब 20 दिन बाद पुलिस ने मजलिस अध्यक्ष और एक कार्यकर्ता के ख़िलाफ़ एफ़ आई आर दर्ज की और बग़ैर इजाज़त जुलूस निकालने का इल्ज़ाम लगाया। हालांकि पुलिस को पहले ही जानकारी दे दी गई थी।
अध्यक्ष ने कहा मजलिस की वजह से दिल्ली की सरकार की ज़मीन खिसक रही है। उसे मालूम है कि मुसलमानों और कमज़ोरों को मजलिस का सहारा मिल गया है ।इसलिए बौख़लाहट में वह मजलिस के ख़िलाफ़ कार्यवाही करवा रही है। अभी चंद दिन पहले ही केंद्र सरकार ने मजलिस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी के घर पर चंद गुंडे भेजकर तोड़फोड़ कराई गई थी। दिल्ली और केंद्र सरकार मजलिस के कार्यकर्ताओं को ख़ौफ़ ज़दा करना चाहती है। लेकिन उन्हें मालूम नहीं कि जो अल्लाह से डरता है वह किसी से नहीं डरता । कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि सरकार मज़लूम के बजाय ज़ालिम का साथ दे रही है। यह देश के लिए शुभ शगुन नहीं है केजरीवाल की हक़ीक़त लोग जान चुके हैं। वह पूरी तरह संघ के एक वफ़ादार नौकर की तरह काम कर रहे हैं।मजलिस के कार्यकर्ता हर मज़लूम का साथ देंगे और एफ़ आई आर या गिरफ़्तारी के ख़ौफ़ से इंसाफ़ की मांग नहीं छोड़ेंगे।
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