राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की उम्मीदों पर फिरा पानी, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन शायर इमरान प्रतापगढ़ी के स्वागत में भीड़ जुटाने में कांग्रेस हुई फेल।

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए लखनऊ से मुस्तकीम मंसूरी की खास रिपोर्ट। 

शायर इमरान प्रतापगढ़ी के प्रथम बार लखनऊ आगमन पर मुस्लिमों के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय नहीं पहुंचा स्वागत में।

लखनऊ, अल्पसंख्यक विभाग कांग्रेस के राष्ट्रीय चेयरमैन बनने के बाद पहली बार 3 माह की तैयारियों के साथ आज लखनऊ पहुंचे शायर इमरान प्रतापगढ़ी की उम्मीदों के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय में केवल मुस्लिम समाज की उपस्थिति से निराश जरूर हुए होंगें।




राष्ट्रीय चेयरमैन शायर इमरान प्रतापगढ़ी जिन हसरतों, जिन उम्मीदों के साथ लखनऊ पहुंचे तो उनका स्वागत करने वालों में अल्पसंख्यक समाज से कांग्रेस से जुड़े हुए मुस्लिम नेताओं की मौजूदगी इस बात का इशारा है, कि जिस उम्मीद के साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी ने उन्हें राष्ट्रीय चेयरमैन बनाकर कांग्रेस के खोए जनाधार को इकट्ठा करने का जो सपना देखा था, शायद वह सपना उस वक्त चकनाचूर हो गया होगा। जब उन्होंने पंडाल में देखा होगा कि उत्तर प्रदेश का अल्पसंख्यक समाज इमरान प्रतापगढ़ी के स्वागत के लिए लखनऊ जाम कर देगा परंतु वहां का नजारा केवल दो से तीन हज़ार की भीड़ उसमें भी केवल मुस्लिम समाज का होना, राहुल, प्रियंका के सपनों को चकनाचूर कर देने से कम नहीं है।

गौरतलब है आज की भीड़ में सिख समाज, ईसाई समाज, बौद्ध और जैन समाज के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक समाज में आने वाले समुदाय के लोगों का राष्ट्रीय चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी के कार्यक्रम में हिस्सा ना लेना, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के लिए चिंता का विषय जरूर होगा।

आपको बताते चलें इमरान प्रतापगढ़ी के राष्ट्रीय चेयरमैन बनने के  तीन महा बाद लखनऊ आगमन कांग्रेस आला नेतृत्व की सोच थी। इमरान प्रतापगढ़ी के कार्यक्रम में एक जनसैलाब उमड़ पड़ेगा। परंतु ऐसा हुआ नहीं, कांग्रेस को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, के अलावा उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारियों ने अगर प्रत्येक जिले के जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया होता। की अल्पसंख्यक विभाग कांग्रेस के चेयरमैनों को सहयोग करके कांग्रेस के लखनऊ में होने वाले कार्यक्रम को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी का कार्यक्रम है, इसलिए राष्ट्रीय चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी के कार्यक्रम को हर हाल में सफल बनाना है। लखनऊ में इमरान प्रतापगढ़ी के स्वागत में ऐसा जनसैलाब उमड़ ना चाहिए जिससे सत्ता पक्ष के होश उड़ जाएं। परंतु कांग्रेस और उसके फ्रंटल संगठनों का आपस में एक दूसरे को सहयोग ना करके आपसी गुटबाजी ने  कांग्रेस आलाकमान को विशेष कर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के मिशन 2022 के सपनों को चकनाचूर कर के रख दिया है। आपको बताते चलें कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने भाषण में जिस तरह उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल उपराज्यपाल के साथ ही कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में मुसलमानों की भागीदारी का जिक्र करके उनको एहसास कराने की कोशिश की कि आजादी के बाद कांग्रेस ने मुसलमानों को बहुत कुछ दिया। परंतु शायर इमरान प्रतापगढ़ी राष्ट्रीय चेयरमैन कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग इस बात को भूल गए की सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों का कांग्रेस के शासनकाल में हुआ है। कांग्रेस ने देश के मुसलमानों को कुछ ऐसे जख्म भी दिए हैं जो मुसलमानों के दिल में नासूर बन चुके। गौरतलब है पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, ने सत्ता में बने रहने के लिए, अपने शासनकाल में मुसलमानों के साथ जो नाइंसाफिया की थी, आज उसी का फायदा उठाकर आज भाजपा सत्ता में बैठी हुई है। यही कारण है कि सोनिया गांधी राहुल गांधी प्रियंका गांधी जिन्होंने शायर इमरान प्रतापगढ़ी को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय चेयरमैन बनाकर कांग्रेस को मजबूत करने और मुसलमानों को कांग्रेस से जोड़ने का जो सपना देखा था, वह आखिरकार लखनऊ में चकनाचूर हो  ही गया।

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