ग़ज़ल :-


मैं तुम्हें दिल में बसाना चाहता हूँ ,

मैं तुम्हें अपना बनाना चाहता हूँ ।



प्यार बचपन से तुम्हें मैं कर रहा हूँ ,

आज ये तुमको बताना चाहता हूँ ।


बात मरने की है तो मर जाऊँगा पर ,

मौत से आँखें मिलाना चाहता हूँ ।



मैं नहीं भूला तुम्हें तो आज तक ,

बस यही तुम को बताना चाहता हूँ ।


तुम रही हो आज तक दिल में हमारे ,

बस यही नग़मा सुनाना  चाहता हूँ ।


तुम मुझे ही यार सब कुछ मानती थी ,

याद वो दुनिया दिलाना चाहता हूँ 



कौन ज़िन्दा है यहाँ सब को पता है ,

बोझ घर का मैं उठाना चाहता हूँ ।


सुखवीर चौधरी 

मथुरा (उत्तर प्रदेश )

मो-9837219226

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