डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में बाढ़ के कहर से घरों में पानी भरा, ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर - पीपुल्स एलाइंस

 यूपी सरकार सिद्धार्थनगर जनपद को बाढ़ प्रभावित जनपद घोषित करे- इं शाहरुख अहमद

सिद्धार्थनगर, 23 अगस्त 2021: पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल ने डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के कई बाढ़ प्रभावित गाँव का दौरा किया। हर साल की तरह इस साल भी नेपाल की ओर से आने वाले बाढ़ के पानी से सिद्धार्थनगर जनपद के ब्लाक डुमरियागंज, इटवा, बांसी, शोरहतगढ़, उसका, जोगिया, नौगढ़ व आसपास के जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। सिद्धार्थनगर जिले में बहने वाली 4 नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी है। इन नदियों का पानी सैकड़ों से ज्यादा गाँव को जलमग्न और हजारों बीघे खेतों को अपनी आगोश में ले चुका है। आज़ादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी जनपद के सैकड़ों गांव के लोग बाढ़ की कहर को झेलने के लिए मजबूर रहते हैं। हर साल बाढ़ आती है और सारी फसल को बर्बाद कर देती है। 






बाढ़ प्रभावित गाँव भरवाठिया मुस्तहक़म की फातिमा (50) ने दुःखी मन से कहा कि घर में पानी भर गया है। हर साल बाढ़ से हम लोग की ज़िंदगी नरक बन जाती है। चूल्हा तक पानी लग गया है, सारी लकड़ियां बारिश में भीग गई हैं, कुछ सुखी लकड़ियों से ईंटे का चूल्हा बना कर घर वालों के लिए रूखी-सुखी रोटी बना पा रहें हैं। शौचालय में पानी भर गया है, कंही आना-जाना हो तो पूरे रास्ते पानी से डूबे हुई हैं। हर साल यही दंश झेलना पड़ता है। शासन-प्रशासन हम लोग की कोई सुध लेने वाला नहीं है। अभी तक शासन-प्रशासन ने कोई सहायता नहीं पहुँचाया है। मानती देवी ने कहा कि बाढ़ से फसलें डूब गईं है, फसलों का नुकसान हो गया। हर साल खरीफ़ की फसल बाढ़ की वजह से बर्बाद हो जाता है लेकिन हम लोगों को फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिलता है।

वंही सकीना (38) ने कहा कि बाढ़ से घर में पानी घुस आया है। जिससे खाना बनाने, शौच और आने-जाने की दिक्कत हो रही है। इसीलिए हम लोग घर छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं।


इसरारुल हक हाशमी ने कहा कि हर साल बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है। 7 दशक होने को हैं लेकिन बाढ़ से निजात नहीं मिला। बाढ़ रोकने के लिए बांध अति आवश्यक है, नदी के किनारे बड़े पथरों से ठोकर बनाकर कटान रोका जाए। जिससे बाढ़ क्षेत्रवासियों को निजात मिल सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं है। 

वंही गांव के मुनेसर प्रजापति, तजरुन्निशा, उषा देवी, हसीना बेगम, छांगुर, जमीला खातून, जेहराती, अली हुसैन, लल्लन आदि ने बताया कि जब बाढ़ आती है तो गांव में पानी घुस जाता है। नेता और साहब लोग आते हैं आश्वासन देकर चले जाते हैं। पूरा साल गुजर जाता है कोई घूम कर नहीं आता है। इस परेशानी से हम लोगों को कौन निजात दिलाएगा यह मालूम नहीं। ग्रामीणों ने कहा कि बाढ़ से फसल बरबाद हो जाती है। खाने के लाले पड़ जाते हैं। 

पीपुल्स एलाइंस प्रदेश कार्यकारणी सदस्य इं शाहरुख अहमद ने कहा कि डुमरियागंज तहसील क्षेत्र में राप्ती नदी के उफान से लोग घर से बेघर हो रहे हैं। खरीफ की फसल डूब गई है। सैकड़ों से ज्यादा गाँव बाढ़ से प्रभावित हो गए और दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। भरवठिया, पिकौरा, वीरपुर, पेडरियाजीत, बुढ़िया तैयार, रेडवारिया, डुमरिया, फत्तेहपुर, खुरपहवां, मझिया व बड़हरा समेत सैकड़ों गाँव बाढ़ के चपेट में हैं। दो दिन पहले सेखुई गोवर्धनपुर के निवासी का बाढ़ में डूबने की वजह से मौत भी हो गई है। गाँव के लोग बाढ़ के विकराल रूप धारण करने की वजह से भयभीत हैं। पीपुल्स एलाइंस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग करता है कि जनपद को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करें और बाढ़ से प्रभावित परिवारों को तत्काल 8000 रुपये की सहायता राशि भेजकर मदद करे।

उन्होंने ने कहा कि डुमरियागंज कस्बे के पश्चिम नौखान व नदी के बीच बसे बड़हरा गांव की स्थिति बिगड़ती जा रही है। बढ़ते जलस्तर से कटान होना शुरू हो गई है। कटान से रिसाव का पानी गांव में घुसने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। ध्यान नहीं दिया गया तो बांध टूटने पर पूरा गांव पानी में डूब जाएगा।

भरवाठिया मुस्तहक़म, पिकौरा, वीरपुर, डुमरिया के ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग किया है कि 

1. वीरपुर कोहलवां से लेकर डुमरिया गाँव तक बांध बनाई जाए। आज़ादी के 7 दशक बीत गए लेकिन अभी तक बांध न बन सका।

2. पिकौरा गाँव का मुख्य मार्ग 1.5 मीटर के ऊंचाई पर आरसीसी बनाई जाए। जिससे सड़क पार करके गाँव में पानी न जा सके।

3. भरवाठिया बाजार और पिकौरा गाँव राप्ती नदी से सटे हुए हैं, वंहा कई जगहों से नदी का कटान हो रहा है। उसको रोका जाए नहीं तो ये दोनों गाँव नदी के बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगे।

4. किसानों के सैकड़ों एकड़ फ़सल बाढ़ के चपेट में आने  से बर्बाद हो जाते हैं लेकिन किसानों को कभी भी नहीं फ़सल नुकसान का मुआवजा मिला।

5. बाढ़ से घरों में पानी भर गया है। जिससे खाना बनाने की दिक्कत व शौच, नलों में दूषित पानी आ रहा है। बीमारियों से जूझना पढ़ रहा है। मजबूरन घर को छोड़कर पलायन करना पड़ता है। 

पीपुल्स एलाइंस ने शासन-प्रशासन से मांग करता है कि सिद्धार्थनगर जिला को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाए। ग्रामीणों की संपत्ति, फसल व पशुधन के नुकसान पर सरकार उचित मुआवजा दे। फसल नुकसान पर सरकार 25 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। तत्काल प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाए। जगह-जगह शेल्टर होम का उचित प्रबंध करे। सरकार बाढ़ प्रभावित परिवारों के बैंक खातों में 8000 रुपये की सहायता राशि भेजे।

पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल में इं शाहरुख अहमद, जावेद खान, इमरान अहमद, मुराद आदि लोग शामिल रहे।

द्वारा जारी- इं शाहरुख अहमद पीपुल्स एलाइंस 9455944411

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