पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने किया पुस्तक ‘दस विचारधाराएँ’ का ऑनलाइन विमोचन


लोकतंत्र से लेकर पूंजीवाद, पर्यावरणवाद और वैश्वीकरण तक विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है पुस्तक "दस विचारधाराएँ
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने किया  पुस्तक ‘दस विचारधाराएँ’ का ऑनलाइन विमोचन
यश पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक "दस विचारधाराएँ" का हुआ विमोचन
नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस पार्टी के वाईस प्रेसिडेंट एवं पूर्व केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय एस जयपाल रेड्डी की हिंदी अनुवादित पुस्तक "दस विचारधाराएँ - ग्राम्यवाद और उद्योगवाद का बीच मे महाविशसमता" का ऑनलाइन विमोचन किया. दस विचारधाराएँ -ग्राम्यवाद और उद्योगवाद का बीच मे महाविशसमता" स्वर्गीय एस जयपाल रेड्डी एवं यश प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अंग्रेजी पुस्तक "टेन आइडियोलोजिस" की हिंदी अनुवादित पुस्तक है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने  स्व. एस जयपाल रेड्डी को उनके पुन्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी एवं उपस्तिथगण को इस पुस्तक के लिए बधाई दी.

हिंदी पुस्तक का अनुवाद प्रख्यात शिक्षाविद डॉ रामचंद्र शर्मा द्वारा किया गया है और यश प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया है. ऑनलाइन विमोचन कार्यक्रम में सचिन पायलट, (विधान सभा के सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री), नीरजा चौधरी (वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार), विनोद दुआ ("पद्मश्री" पुरस्कार विजेता और मीडियाकर्मी), योगेंद्र यादव (अध्यक्ष, स्वराज्य भारत), राहुल भारद्वाज(अध्यक्ष, यश पब्लिकेशन ) मुख्य रूप में  शामिल  हुए. मौके पर यशवंत सिन्हा ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा की उन्हें बेहद ख़ुशी है की आज अंग्रेजी पुस्तक "टेन आइडियोलोजिस का हिंदी अनुवादित पुस्तक का विमोचन हुआ है. 
उन्होंने कहा कि जयपाल रेड्डी ने लोकतंत्र से लेकर पूंजीवाद से लेकर पर्यावरणवाद और वैश्वीकरण तक विभिन्न पहलुओं से संबंधित इस पुस्तक में जिक्र किया है और राष्ट्रवाद को प्रमुखता दी है. उन्होंने पुस्तक में व्यक्त जयपाल रेड्डी के विचार का समर्थन किया कि देश के विशिष्ट भूगोल ने प्राचीन काल से भारत की सांस्कृतिक एकता जोर दिया है एवं  एक राष्ट्र की अवधारणा, अपने वर्तमान अर्थ में, आधुनिक मूल की है अपने पुस्तक में बड़े ही सरल शब्दों में की . हालाँकि, दुनिया भर के लोगों में प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषाई, जातीय, या भौगोलिक या शाही अर्थों में अपने राष्ट्रों की धारणाएँ रही हैं। इसलिए, पुरानी सांस्कृतिक धारणाओं को वर्तमान राजनीतिक विचारों से अलग करने की उनकी सराहनीय  प्रयास है. पुस्तक दस विचारधाराएँ केवल विचारों का परिचय ही नहीं देती बलिक यह आपका विचार बनती है, आपको सोचना सिखाती है जो आज के समय में परिचय के साथ साथ नए विचोरों को घड़ने ने अहम भूमिका निभाएगी.  इस ऑनलाइन विमोचन कार्यक्रम में सचिन पायलट, (विधान सभा के सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री), नीरजा चौधरी (वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार), विनोद दुआ ("पद्मश्री" पुरस्कार विजेता और मीडियाकर्मी), योगेंद्र यादव (अध्यक्ष, स्वराज्य भारत), ने पुस्तक के बारे एवं स्व. जयपाल रेड्डी विचारों के बारे ने सबके साथ साझा किया. अंत में स्व. जयपाल रेड्डी के सुपुत्र अरविन्द आनंद रेड्डी ने मौजूद सभी अतिथि, विशिष्ट अतिथि, स्त्रोताओं का तहे दिल से अभिवादन किया. मंच का सञ्चालन सीनियर जर्नलिस्ट निधि शर्मा ने किया.

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