हर जगह खामोशी सा पसरा है 😢 चाहे सड़क हो, गली हो या हो मोहल्ले का चौपाल ।।

 हर जगह खामोशी सा पसरा है 😢 चाहे सड़क हो, गली हो या हो मोहल्ले का चौपाल ।। 


अब मिलना मिलाना एक ख्वाब सा हो गया ,,, सभी के मुंह पे गलमोच्छ, मास्क, और बांध रखा है रुमाल।।


 ,,,,अब क्या कहूँ, कैसे बताऊं ,,,,, बाप, भाई, बेटा बेटी, भाई, बहन रिश्तेदार, कहीं भी किसे के साथ रास्ते मे गर मिल भी जायें - एक दूसरे को हम पहचान न पायें, बस इसी बात का है मलाल।। 


खामोशी सा पसरा है - हर जगह सन्नाटा सा है, चाहे सड़क हो, गली हो, या हो मुहल्ले का चौपाल ।।


मज़दूर , बन्द है सरकारी डर से, की सरकार का है फरमान " लॉक-डाउन " है बन्द रहो, कोरोना महामारी के शिकार न हो जाओ, कितनी हितैषी है सरकार मज़दूरों की , की सरकार मज़दूरों को बंद कर के भूख मरी और आत्म हत्याओं का दे रही है इनाम।।


फुट-पाथ पर रेहड़ी, पटरी खोइन्चा लगा कर अपनी गुज़र बसर करने वालों को भी अब बन्द रहने का कर दिया है एलान।। कोरोना काल के प्रकोप से यदि बचना है तो भगवान को खुश करो इसके लिये मंदिरों में करो दान!! 

 मंदिरों का सुबह शाम का एक दरवाज़ा खुला छोड़ दिया है ताकि  दलित पिछड़ी शूद्रों का भगवान पे चढ़ता रहे प्रसाद - ताकि भगवान प्रसन्न रहें, कहीं रूठ जाएं। इसके लिये पुजारीओं को दे रखी है खुली छूट ,,,, भगवान पे चढ़ा चढ़ावा ब्राह्मणों को कर रहा है माला माल ।। यह है मनुवादी ब्राह्मणों की चाल और मनुवादी सरकार का कमाल।। 


खामोशी से पसरा है - हर जगह सन्नाटा स है, चाहे सड़क हो, गली हो, या हो मुहल्ले का चौपाल ।।


मैं तो कोटि कोटि प्रणाम और धन्यवाद देता हूँ सरकार का, भारत मे कितनी हितैषी चिंतित है मुसलमानो के लिये सरकार, डंडों दिख कर प्यार से मस्जिदों में रमज़ान में भी भीड़ न लगने दिया ,,,  और ईद की खुशियां भी घर मे बन्द करके मनाने दिया।। और तो और पिछले साल मरकज़ में लॉक डाउन में फंसे 1800 तब्लीगी जमातीओं की इतना हमदर्द कि उनका इतना प्रचार कर दिया कि सम्पुरन विश्व जान गया कि तब्लीगी जमातियों ने भारत मे फैलाया करोना महामारी इसके ले कर जेल में डाल दिया गया और क्या क्या न कह गया। लेकिन अब जो सामने दिख रहा है उस पर तो सांप सूंघ गया प्रचार करने वालों को, अब सब खामोश हैं सन्नाटा सा पसरा, चाहे सड़के हों, गलियां हों, या हो मोहल्ले का चौपाल ! यह है मनुवादी ब्राह्मणों का कमाल !!


 सोंचता हूँ आखिर भारत के हिन्दूओं से ही दुश्मनी क्यूं रखती है मनुवादी सरकार ,,,,कुम्भ मेला लगा दिया - उसमे शूद्रों की भीड़ लगवा दिया । दान पुण्य लेने के लिये मनुवादी ब्राह्मणों को लगा दिया। उसमे करोना काल के मुंह कितने समा गए ,सरकार ने उनकी अब तक कोई सुध न ली और किसी मीडिया ने न बताया न  दिखाया कि यह देखो कुम्भ मेले में गये थे और कोरोना के शिकार हो गये। यह देखो बंगाल की चुनावी सभा मे गये कोरना के शिकार हो गये। अमितशाह , मोदिशाह, योगी जी और बड़े नेता जो भीड़ को सम्बोधित करके  कहा करते थे , एनआरसी, और एनपीआर भारत मे विदेशी हिंदुओ के सुरक्षित राष्ट्रीयता देने के लिये क़ानून बना कर हाहाकर मचाया - और अमितशाह भारत के मुसलमानों से हिंसाब माँग रहे थे भारत के बंटवारे के बाद पाकिस्तान से हिन्दू कहाँ गायब हो गये - हिंदुओ की आबादी इतनी कम कैसे हो गई ? अब समझ में आया ? मुसलमान बेचारा असमंजस में था और उनके ही भगवानों ने श्मशान में  हिंदुओं की लाशें गिनवादी - शयेद यह भगवान का इशारा ही है कि जब जब किसी गरीब, कमज़ोर, बेसहारों, अबलाओं पर अत्याचार और पाप बढ़ा है तब तब हर दौर में उसे रोकने के लिये आपदाओं के रूप में कोई न कोई प्रकृतिक मृत्युकाल धरती पर आया है और उसमें करोड़ो लोग समा गये। शायद! भगवान: अमितशाह को यही जवाब हमारी सरकार को देना चाह रहे थे। परंतु सन्नाटा कहीं भी हो - - आज कल चहल पहल श्मशान में है। 😢😢😢😢?

शमशानों में लाशों की क़तार लगी है, नदियों में बहती सड़ती लाशो पर चील, कौवे, कुत्ते उसे नोचते आज कल आम से हो गया है। वहीं नदियों के घाटों पर शमशानों  के अहातों में  अपने लाशों के जलने को प्रतीक्षा करते, नम पलके और आंखे सुनी खामोशी से एक दूसरे पर भौंवे तानी ,पहचानने की कोशिश कर रहे हैं,  इनमे कहीं कोई और अपना तो नहीं, वहीं श्मशान के पंडित जी मुर्दों को जलाने का लेते लेते माल हो रहे हैं बेहाल ।। 

फिर भी अपने ब्रम्हा देवता से मांग रहे हैं दुआ - हे ! ब्रह्मा देवता ऐसे ही कृपा बनाये रखना !!☺️ मृत्यु दर और बढाये रखना ।😊

यह मनुवादी ब्राह्मण का कमाल।। हर जगह बिछा रखा है पाखण्ड का जाल।। शूद्रों की लाश भी इन्हें कर रहा है माला माल।।


खामोशी सा पसरा है - हर जगह सन्नाटा सा है, चाहे सड़क हो, गली हो, या हो मुहल्ले का चौपाल ।। यह है मनुवादी ब्राह्मणों का कमाल 😢😢😢😢 मुफक्कीर काकवी

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