पूरनपुर में रेलवे विभाग से अंडरपास की मांग को लेकर लगातार 5 दिनों से स्थानीय लोगों द्वारा रेलवे स्टेशन पर धरना दीया जा रहा है।






 पूरनपुर में रेलवे विभाग से अंडरपास की मांग को लेकर लगातार 5 दिनों से स्थानीय लोगों द्वारा रेलवे स्टेशन पर धरना दीया जा रहा है।


बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए मुस्तकीम मंसूरी की खास रिपोर्ट

पूरनपुर की आबादी दो भागों में बटी होने के कारण 40% आबादी एक तरफ और 60% आबादी दूसरी तरफ है। जिसके कारण लोगों के आवागमन में काफी असुविधा होगी।साहूकारा लाइनपार 40% आबादी की परेशानियों को स्थानीय विधायक, स्थानीय नगर पालिका चेयरमैन, और वर्तमान प्रधान पूरनपुर देहात क्षेत्र जनहित की समस्या से पूरी तरह बेपरवाह है।

पीलीभीत, की तहसील पूरनपुर में रेलवे द्वारा कराया जा रहा ब्रॉडगेज का काम अपने अंतिम चरण में है। पूरनपुर की आबादी दो भागों में बटी हुई है। एक तरफ 40% आबादी है। तो दूसरी तरफ 60% आबादी बसती है। ब्रॉड गेज का काम पूरे होने के बाद जब ट्रेनों का आवागमन शुरू होगा। तो पूरनपुर साहूकारा लाइन पार की 40% आबादी के साथ ही शेरपुर, लहिया, टंडोला, भगवंतापुर, लोदीपुर आदि के अंतर्गत आने वाली 40% पूरनपुर की जनता के सामने आवागमन के लिए एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी। यहां बताना यह भी जरूरी है। लाइनपार बसी आबादी और उससे जुड़े देहात क्षेत्रों की जो 40% जनता है। उसे अस्पताल, ब्लॉक, कोतवाली, तहसील, सी ओ ऑफिस, नगर पालिका, महिला अस्पताल, आदि के अलावा किसी भी किस्म की छोटी या बड़ी खरीदारी करने के लिए। या गंभीर अवस्था में किसी रोगी को अस्पताल ले जाने के लिए जो समस्याएं उत्पन्न होंगी। उस पर ना तो स्थानीय वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, नगर पालिका चेयरमैन, और पूरनपुर देहात क्षेत्र के मौजूदा प्रधान जिनका 60% से अधिक क्षेत्र लाइनपार में आता है। 40% जनता की गंभीर समस्या पर किसी का ध्यान नहीं है 40% आबादी का वोट मौजूदा प्रधान भी चाहते हैं। वर्तमान विधायक भी चाहते हैं। और पूर्व विधायक भी चाहते हैं। परंतु विधायक से लेकर प्रधान तक सभी लाइनपार और उससे जुड़े हुए देहात की जनता की समस्याओं से मुंह मोड़ कर चुनावी चौसर बिछाने में लगे हुए हैं। अब देखना यह है। जनता के वोट से चुने जाने वाले प्रतिनिधि जिस तरह 40% लाइनपार की जनता को नजरअंदाज कर रहे हैं। क्या आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब अपने वोटों की ताकत से देगी? या 40% लाइनपार की जनता के लिए संघर्ष करने वाले लोगों को उनके संघर्ष के बदले में वोट देकर एक अच्छा संघर्षशील प्रतिनिधि चुनने का क्या प्रयास करेगी? इस संबंध में आज हमारे संवाददाता ने पूरनपुर देहात क्षेत्र के मौजूदा प्रधान से फोन पर संपर्क किया तो उनका कहना था। कि इस वक्त हम कोतवाली में है। जबकि वास्तविकता यह है। कि वह एक दुकान पर बैठकर चुनावी गुणा भाग लगा रहे थे। दोबारा हमारे प्रतिनिधि ने उनसे फिर फोन पर संपर्क किया और जानना चाहा कि अंडरपास के मसले पर आपकी क्या राय है। तब उन्होंने कहा अभी इस पर हमने गौर नहीं किया है। इस आंदोलन को समाजसेवी हाजी लाडले और उनके सहयोगी चला रहे हैं। उन्होंने हमसे मदद नहीं मांगी अगर मदद मांगी होती तब हम उनका सहयोग करते। खैर कोई बात नहीं मौजूदा प्रधान इस इंतजार में है। की अंडरपास की समस्या जब विकराल रूप धारण कर लेगी तब क्षेत्र की जनता परेशान होकर उनके दरबार में गुहार लगाएगी तब देखा जाएगा। इसके बाद हमारे प्रतिनिधि ने समाजसेवी हाजी लाडले साहब से फोन पर संपर्क किया उन्होंने तत्काल मुलाकात का समय दिया। और बताया के अगर ब्रॉडगेज के बाद रेल प्रशासन ट्रेनों का आवागमन शुरू कर देता है। तो हमारे पूरनपुर क्षेत्र के लिए 40% जनता के सामने विकराल समस्या आएगी इससे निपटने के लिए हमने 15 मार्च 2021 से 20 मार्च 2021 तक लगातार 2 घंटे रोजाना धरने का आयोजन किया। परंतु खेद का विषय है। की स्थानीय विधायक, चेयरमैन से लेकर मौजूदा प्रधान तक इस जनहित के मुद्दे पर गंभीर नहीं है। इस संबंध में हमने जिला अधिकारी पीलीभीत, स्थानीय सांसद वरुण गांधी, और डीआरएम रेलवे को पत्र लिखकर लाइनपार की 40% आबादी के सामने आने वाली परेशानी से अवगत कराया। पांचवें रोज रेलवे प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने हमको आश्वासन दिया है। शीघ्र ही आपकी समस्या का समाधान किया जाएगा। इस संबंध में डीआरएम रेलवे से भी फोन पर हमारी बात हो चुकी है। और इस संबंध में शीघ्र ही कोई ना कोई समाधान अवश्य निकलेगा। इसके बाद हमारे संवाददाता ने पूर्व प्रधान मेहंदी हसन से संपर्क किया तब उन्होंने कहा कि हमारे पूरनपुर देहात क्षेत्र की 60% आबादी इससे प्रभावित होगी अंडरपास हमारी ग्राम पंचायत की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके लिए हमने अपने प्रधानी कार्यकाल से ही रेलवे प्रशासन से पत्राचार करके अंडरपास की मांग की थी। हमारा पूरा सहयोग समाजसेवी हाजी लाड़ले साहब के साथ है। हमें मालूम है कि हमारी ग्राम पंचायत की 60% जनता के साथ ही 7-8 गांव की जनता भी इससे प्रभावित होगी। क्योंकि इन गांवों के साथ ही हमारी ग्राम पंचायत पूरनपुर देहात क्षेत्र की जनता को अगर बैंक, सरकारी अस्पताल, कोतवाली, ब्लॉक, तहसील, महिला अस्पताल, एटीएम, नगर पालिका, सी ओ ऑफिस, या मार्केट जाना होगा। तो फाटक बंद होने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पूर्व प्रधान मेहंदी हसन ने कहा सबसे बड़ी समस्या गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज की सुविधा में होगी। इसलिए हमने रेल मंत्री पीयूष गोयल, स्थानीय सांसद से लेकर रेल विभाग और अन्य अधिकारियों को भी पत्राचार के द्वारा जनता की इस विकराल समस्या से अवगत कराया भी है। और जब तक अंडर पास स्वीकृत नहीं होगा। तब तक हम अपनी ग्राम पंचायत की जनता और उससे जुड़े गांव की जनता की समस्याओं के लिए संघर्ष करते रहेंगे। हम जनहित के हर मुद्दे पर बिना किसी भेदभाव के आंदोलन करने वालों के हमेशा साथ रहे और रहेंगे।

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